भारतीय वायु सेना (Indian Air Force – IAF) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – मद्रास (Indian Institute of Technology – Madras) ने प्रौद्योगिकी विकास और विभिन्न हथियार प्रणालियों को रखरखाव हेतु स्वदेशी तकनीकि खोज़ने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय वायु सेना और IIT-मद्रास के बीच संयुक्त साझेदारी का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय वायु सेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों में तेज़ी लाना है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
Hindu Review March 2022 in Hindi
भारतीय वायुसेना के साथ साझेदारी में IIT-मद्रास वायुसेना के रखरखाव कमान के बेस रिपेयर डिपो (Base Repair Depots – BRD) के स्वदेशीकरण के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा, ताकि रखरखाव क्षमता बढ़ाने और अन्य उपायों में मदद मिल सके।
समझौता ज्ञापन के तहत (Under the MoU):
भारतीय वायुसेना ने विभिन्न हथियार प्रणालियों के निर्वाह के लिए प्रौद्योगिकी विकास और स्वदेशी समाधान खोजने से जुड़े प्रमुख केंद्रित क्षेत्रों की पहचान की है। IIT मद्रास व्यवहार्यता अध्ययन (feasibility studies) और प्रोटोटाइप विकास (prototype development) के लिए अनुसंधान द्वारा विधिवत समर्थित परामर्श प्रदान करेगा।
समझौता ज्ञापन (MoU) पर कमांड इंजीनियरिंग ऑफिसर (सिस्टम), मुख्यालय रखरखाव कमान, वायु सेना के एयर कमोडोर एस. बहुजा और आईआईटी मद्रास में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एच. एस. एन. मूर्ति ने दिल्ली में एक वायु सेना केंद्र पर हस्ताक्षर किए।