आंध्र प्रदेश का ऐतिहासिक बंदरगाह नगर मछलीपट्टनम अब एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। मंगीनापुडी में एक नया ग्रीनफील्ड पोर्ट तेजी से निर्माणाधीन है, जिसका 48% काम पहले ही पूरा हो चुका है। यह बंदरगाह 2026 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है और इससे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना—दोनों राज्यों को आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
इस परियोजना का निर्माण मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) द्वारा किया जा रहा है। करीब 1,250 मज़दूर दो शिफ्टों में दिन-रात काम कर रहे हैं। परियोजना प्रबंधक जी. तुलसीदास के अनुसार, कार्य अच्छी गति से चल रहा है और निर्धारित समय तक बंदरगाह तैयार हो जाएगा।
यह परियोजना एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती भी है। जहाजों को टर्मिनल तक पहुंचाने के लिए 5.6 करोड़ घन मीटर रेत की ड्रेजिंग की जा रही है। समुद्र की तेज़ लहरों से सुरक्षा के लिए 2.5 किमी लंबी ब्रेकवाटर बनाई जा रही है, जिसमें 2.1 मिलियन टन पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, विशेष कंक्रीट टेट्रापॉड्स लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 55% पहले ही स्थापित हो चुके हैं।
इस बंदरगाह की योजना 2007 में बनी थी, लेकिन अनेक बाधाओं के कारण यह टलती रही। पहले यह परियोजना सत्यं समूह की मयतास कंपनी को दी गई थी, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। फिर नवयुग कंपनी को जिम्मेदारी मिली, लेकिन वाईएसआर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वह भी निरस्त हो गई।
2020 में सरकार ने मछलीपट्टनम पोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड नामक नई कंपनी बनाई, जो इस परियोजना को लैंडलॉर्ड मॉडल पर संचालित कर रही है — यानी सरकार स्वामित्व में है और निजी कंपनियाँ संचालन करेंगी। निर्माण का कार्य MEIL को सौंपा गया है।
पहले चरण में ₹5,155 करोड़ की लागत से चार बर्थ बनाए जाएंगे। भविष्य में इसे 16 बर्थ तक विस्तारित किया जा सकता है, जिससे इसकी कुल सालाना क्षमता 36 मिलियन टन तक होगी। यहां 80,000 टन वज़न वाले बड़े जहाज भी आसानी से आ-जा सकेंगे।
यह बंदरगाह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों के लिए व्यापारिक रूप से फायदेमंद होगा। आंध्र प्रदेश मैरीटाइम बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां से कोयला, सीमेंट, दवाइयाँ, उर्वरक और कंटेनर जैसे माल का निर्यात किया जाएगा।
तेलंगाना सरकार भी इस पोर्ट से जुड़ने के लिए ड्राय पोर्ट और मालवाहक गलियारा (फ्रेट कॉरिडोर) बनाने की योजना पर काम कर रही है। स्थानीय लोग भी उत्साहित हैं। मंगीनापुडी गांव के निवासी पी. भानु ने कहा, “जमीन के दाम बढ़ रहे हैं और रोजगार के अवसर आएंगे।” वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अब यह बंदरगाह क्षेत्र के लिए नई आशा लेकर आ रहा है।
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