अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च पर ताला लगने जा रहा है। यह कंपनी भारत में अदाणी ग्रुप के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाकर चर्चा में आई थी। फाउंडर नेथन एंडरसन ने बुधवार देर रात हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने का एलान किया। हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत 2017 में हुई थी। यह बड़ी कंपनियों की वित्तीय धांधली का पर्दाफाश करने का दावा करती थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्यों बंद हो रही है?
नेथन एंडरसन का कहना है कि हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का फैसला काफी सोच-समझकर लिया गया है। हालांकि, उन्होंने कंपनी को बंद करने का कोई सटीक कारण नहीं बताया। एंडरसन का कहना है कि कंपनी की शुरुआत जिस मकसद को लेकर की गई थी, उसे पूरा होने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म को बंद करने के फैसले के बारे में स्पष्ट किया कि यह बेहद निजी फैसला है। उन्होंने कहा, ‘कोई एक खास बात नहीं है- कोई विशेष खतरा नहीं, कोई हेल्थ इश्यू नहीं और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं।’
प्रमुख जांच और प्रभाव
निकोला कॉर्प:
2020 में, हिंडनबर्ग ने निकोला पर अपने हाइड्रोजन ट्रक टेक्नोलॉजी के बारे में निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। इससे यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के साथ $125 मिलियन के समझौते और संस्थापक ट्रेवर मिल्टन की आपराधिक सजा हुई।
आईकॉन एंटरप्राइजेज:
कंपनी पर “पोंजी जैसी” आर्थिक संरचना पर काम करने का आरोप लगाया गया, जिससे शेयरधारकों का मुकदमा शुरू हुआ। हालांकि, यह मुकदमा खारिज हो गया, लेकिन आरोपों ने काफी ध्यान आकर्षित किया।
अदाणी समूह:
जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग ने भारतीय समूह पर “बेशर्म कॉर्पोरेट धोखाधड़ी” का आरोप लगाया, जिससे कंपनी के बाज़ार पूंजीकरण में $150 बिलियन का नुकसान हुआ। अदाणी समूह ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन रिपोर्ट ने कंपनी के मूल्यांकन पर गहरा प्रभाव डाला।
भविष्य की योजनाएँ
एंडरसन अगले छह महीनों में हिंडनबर्ग की जांच पद्धतियों को ओपन-सोर्स करने की योजना बना रहे हैं, ताकि उनकी शोध प्रक्रिया व्यापक जनता के साथ साझा की जा सके। उन्होंने अपने कर्मचारियों को भविष्य की परियोजनाओं में समर्थन देने और कुछ को अपने शोध फर्म शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी इरादा जताया।
मुख्य बिंदु | विवरण |
क्यों चर्चा में? | हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसे नाथ एंडरसन ने संचालित किया, ने अपनी बंदी की घोषणा की। फर्म ने निकोला, अदाणी समूह, और आईकॉन एंटरप्राइजेज जैसे घोटालों का पर्दाफाश किया, जिससे बाज़ार पर बड़ा प्रभाव पड़ा। नाथ एंडरसन ने फर्म की कार्यप्रणालियों को सार्वजनिक करने की योजना बनाई है। |
स्थापना वर्ष | 2017 |
संस्थापक | नाथ एंडरसन |
मुख्य जांच | – निकोला कॉर्प: धोखाधड़ी के आरोपों से SEC समझौता और संस्थापक ट्रेवर मिल्टन की सजा। – अदाणी समूह: कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोपों से $150 बिलियन का बाज़ार पूंजी नुकसान। – आईकॉन एंटरप्राइजेज: “पोंजी जैसी” संरचना का आरोप, जिससे शेयरधारकों का मुकदमा हुआ। |
भविष्य की योजनाएँ | नाथ एंडरसन हिंडनबर्ग की जांच पद्धतियों को सार्वजनिक करने और कर्मचारियों को अपनी फर्म शुरू करने में समर्थन देने की योजना बना रहे हैं। |
बाज़ार पर प्रभाव | लक्षित कंपनियों को वित्तीय और प्रतिष्ठात्मक नुकसान, जिससे कॉर्पोरेट जवाबदेही की धारणाओं में बदलाव आया। |