भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने श्रम और रोजगार मंत्रालय से आग्रह किया है कि कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की अब तक की पहली थर्ड-पार्टी मूल्यांकन प्रक्रिया वर्ष 2025 के अंत तक पूरी कर ली जाए। समिति ने यह भी जोर दिया कि नवंबर 1995 में शुरू हुई इस योजना के तहत दी जा रही न्यूनतम पेंशन राशि ₹1,000 को अब महंगाई में आई तीव्र वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अवश्य संशोधित किया जाना चाहिए।
मुख्य बिंदु
1995 के बाद पहली बार थर्ड-पार्टी मूल्यांकन
नवंबर 1995 में शुरू हुई कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का अब तक कभी स्वतंत्र मूल्यांकन नहीं हुआ था। लगभग 30 वर्षों में यह पहला ऐसा प्रयास है।
मूल्यांकन प्रक्रिया प्रगति पर
श्रम मंत्रालय ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल (RFP) प्रक्रिया के माध्यम से मूल्यांकन का अनुबंध प्रदान किया है और यह प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है।
समयसीमा तय: 2025 के अंत तक
संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि मूल्यांकन कार्य दिसंबर 2025 तक हर हाल में पूरा हो, जिससे जरूरी सुधारों के लिए ठोस जानकारी मिल सके।
न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग
समिति ने सरकार से अनुरोध किया कि मौजूदा ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन को तत्काल पुनर्विचार कर बढ़ाया जाए, क्योंकि यह बढ़ती महंगाई के अनुरूप नहीं है।
EPFO द्वारा प्रशासित योजना
कर्मचारी पेंशन योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करता है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन लाभ देता है।
पहले कोई मूल्यांकन नहीं हुआ
मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की कि योजना शुरू होने के बाद से अब तक कोई औपचारिक मूल्यांकन नहीं हुआ था, जो नीति की समीक्षा में एक बड़ी कमी दर्शाता है।
श्रेणी | विवरण |
खबर में क्यों? | EPS के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की सिफारिश, 2025 तक मूल्यांकन पूरा करने का निर्देश |
योजना का नाम | कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) |
संचालनकर्ता संस्था | कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) |
मूल्यांकन की स्थिति | पहली बार थर्ड-पार्टी मूल्यांकन प्रगति पर |
मूल्यांकन पूर्ण करने की समयसीमा | 2025 के अंत तक (संसदीय समिति की सिफारिश) |
वर्तमान न्यूनतम पेंशन | ₹1,000 |
समिति की सिफारिश | न्यूनतम पेंशन तत्काल बढ़ाई जाए और मूल्यांकन समय पर पूरा हो |
समिति अध्यक्ष | भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई |