हरियाणा में बनेगी देश की सबसे बड़ी जंगल सफारी

हरियाणा सरकार ने 6 जुलाई 2025 को घोषणा की कि वह अरावली की पहाड़ियों में एशिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी बनाएगी। यह परियोजना लगभग 10,000 एकड़ वन भूमि पर फैली होगी। इसका मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों और प्रकृति का संरक्षण करना है, साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना भी है। यह कदम भारत में पर्यावरण संरक्षण और ईको-पर्यटन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

पर्यटकों और प्रकृति के लिए एक भव्य जंगल सफारी

हरियाणा के अरावली पर्वत क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी एशिया की सबसे बड़ी सफारी होगी, जो 10,000 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी। इसमें कई प्रकार के जानवरों, पक्षियों और पौधों को उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित किया जाएगा। यह सफारी आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगी और पूरी तरह से हरित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से विकसित की जाएगी। परियोजना के निर्माण में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जंगल, वन्यजीवों और स्थानीय लोगों को कोई नुकसान न हो।

प्रेरणा के लिए गुजरात यात्रा

परियोजना के लिए प्रेरणा लेने हेतु हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा वाइल्डलाइफ फैसिलिटी का दौरा किया। यह केंद्र वन्यजीवों की देखभाल के लिए प्रसिद्ध है। हरियाणा के नेताओं ने वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और अब उसी मॉडल पर अपनी जंगल सफारी विकसित करने की योजना बना रहे हैं।

लोगों और प्रकृति दोनों को होगा लाभ

यह जंगल सफारी कई तरीकों से फायदेमंद होगी। यह स्थानीय युवाओं के लिए पर्यटन, गाइडिंग, होटल प्रबंधन और वन्यजीव देखभाल जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। साथ ही, यह परियोजना वन क्षेत्र की सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण में भी मदद करेगी। इसे सफल बनाने के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग मिलकर काम करेंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि यह सफारी भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बने।

मजबूत नेतृत्व और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं इस परियोजना की प्रगति पर निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने वन और पर्यावरण विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस परियोजना को पर्यावरण के प्रति पूरी तरह संवेदनशील तरीके से पूरा किया जाए। यह सफारी हरियाणा की हरित पर्यटन और प्रकृति संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाएगी। यह अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रेरित कर सकती है कि वे भी ऐसे पर्यावरण अनुकूल और रोजगार सृजन वाले प्रयास करें।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

3 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

3 hours ago

जयंद्रन वेणुगोपाल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड का चेयरमैन और सीईओ नियुक्त

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…

3 hours ago

मेघालय 2025 में शिलांग में क्षेत्रीय AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी करेगा

पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…

4 hours ago

भारत की हेरिटेज फ़ुटफ़ॉल रैंकिंग 2024–25: ताजमहल एक बार फिर विज़िटर चार्ट में सबसे ऊपर

भारत की समृद्ध धरोहर, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विविधता हर वर्ष लाखों यात्रियों को आकर्षित…

18 hours ago