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Happy Dussehra!!

“विजयादशमी का यह पर्व अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है. यह त्योहार हमें संदेश देता है कि बुरा व्यक्ति चाहे कितना ही बलवान व प्रभावशाली क्यों न हो उसका अंत सुनिश्चित है”.
प्रिय विद्यार्थियों त्योहार हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं, यह सक्रात्मकता का एकमात्र स्रोत होते हैं. वैसे प्रसन्न रहने के लिए किसी अवसर की आवश्यकता नहीं होती परन्तु त्यौहार हमारे जीवन में एक उपलक्ष्य स्वरूप होते हैं. हम जिस देश व समाज में रहते हैं वह संपूर्ण रूप से आध्यात्ममयी है. हिन्दू धर्म में प्रत्येक त्यौहार के पीछे एक सन्देश छिपा होता है जो हमारे जीवन में सकरात्मकता का संचार करता है. आप सभी लोगों को पता ही होगा हम दशहरा क्यों मानते हैं, फिर भी कुछ तथ्यों को पुनः स्मरण करना जीवन के लक्ष्य के लिए आवश्यक होता है.

दोस्तों, रक्षाबंधन से त्यौहारों का आरंभ माना जाता है जिसके बाद दशहरा आता है यह एक मात्र ऐसा त्यौहार है जिसकी तैयारी लोग पूरे दस दिन बहुत ही धूमधाम से करते हैं. दशहरा का मूल सन्देश असत्य पर सत्य की विजय है. जिसमें यह दर्शाया जाता है कि असत्य कितना ही बलवान, बुद्धिमान क्यों न हो उसे आखिर ख़ाक में मिलना ही होता है.
यहाँ हमारा क्षेत्र बैंकिंग है तो हम इसी को सिरा मान कर बात करेंगे. जैसे कि हमने त्यौहारों के  आरम्भ की बात की वैसे ही परीक्षाओं का मेला भी लग चुका है. एक के बाद एक परीक्षा लाइन में हैं.जैसे एमटीएस, आईबी, इसरो, एनआईईएलआईटी (नायिलिट), आईएमडी, सीजीएल मैन्स और भी. दशहरा का त्यौहार हमें यह स्मरण कराता है कि समय कितना की कठोर क्यों न हो कड़ी मेहनत और लगन उसे झुकने पर मजबूर कर ही देती है. यह कथन उन विद्यार्थियों के लिए भी जिनके लिए इन परीक्षाओं में आखिरी अवसर है या वे विद्यार्थी जो इन परीक्षाओं में बार-बार अभ्यास करके निराश से हो चुके हैं. याद रखें समय जिससे जितनी मेहनत कराता है उसे फल उतना ही मीठा प्राप्त होता है.
रावण की तीन ख़ास बातें:
पहली-किसी भी शुभ कार्य को करने में देरी नहीं करनी चाहिए जैसे विद्यार्थी को परीक्षाओं के फॉर्म भरने में विलंभ नहीं करना चाहिए.
दूसरी-अपने शत्रु को कभी कमज़ोर नहीं समझना चाहिए जैसे: विद्यार्थियों को किसी भी विषय को अनछुआ नहीं रहने देना चाहिए या कहीं भी ओवर कांफिडेंस नहीं दिखाना चाहिए यह सोचकर कि ये तो मेरे बाएं हाथ का खेल है.
तीसरी बात कि अपने जीवन का कोई राज कभी किसी को नहीं बताना चाहिए, यदि इसको विद्यार्थियों के सन्दर्भ में कहा जाए तो विद्यार्थियों को परीक्षा के समय किसी भी नकारात्मकता में नहीं पड़ना चाहिए या किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए.
तो, दोस्तों आप सभी दशहरे के इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और भगवान श्री राम का स्मरण कर उनके अडिग साहस से सीख लें और माँ शक्ति के समक्ष सर झुका कर अपनी परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाएं.
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