हनोई, वियतनाम की राजधानी, हाल ही में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में पहचानी गई है, जहां PM2.5 का स्तर 266 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। इस खतरनाक वायु गुणवत्ता ने निवासियों में गंभीर स्वास्थ्य चिंताएं बढ़ा दी हैं और सरकार को कार्रवाई के लिए मजबूर किया है।
अभूतपूर्व वायु गुणवत्ता स्तर
प्रदूषण के प्राथमिक स्रोत
निवासियों पर स्वास्थ्य प्रभाव
सरकारी पहल
विशेषज्ञों की राय
जलवायु विशेषज्ञ हुई गुयेन ने लगातार प्रदूषण स्रोतों और प्रतिकूल मौसम स्थितियों को वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बताया, जिससे प्रदूषक वातावरण में फंसे रहते हैं।
समाचार में क्यों? | मुख्य बिंदु |
हनोई दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित | PM2.5 स्तर 266 µg/m³ तक पहुंचा, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है (3 जनवरी 2025)। |
प्रदूषण के मुख्य स्रोत | – भारी यातायात: वायु प्रदूषण का प्रमुख योगदानकर्ता। |
– औद्योगिक उत्सर्जन: फैक्ट्रियों और औद्योगिक स्थलों से उत्सर्जन। | |
– कचरा जलाना: खुले में कचरा जलाने से प्रदूषण। | |
स्वास्थ्य पर प्रभाव | श्वसन समस्याएं, दृश्यता में कमी, विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों पर प्रभाव। |
सरकारी कार्रवाई | – प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का प्रचार। |
– लक्ष्य: 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक टैक्सियाँ और 50% इलेक्ट्रिक बसें। | |
महत्वपूर्ण तिथि | 3 जनवरी 2025: हनोई को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया। |
विशेषज्ञ की राय | जलवायु विशेषज्ञ हुई गुयेन: मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और निरंतर प्रदूषण स्रोतों के कारण प्रदूषण स्थिर रहता है। |
शहर का नाम | हनोई, वियतनाम की राजधानी |
देश | वियतनाम |
EV अपनाने का लक्ष्य | 2030 तक कम से कम 50% बसें और 100% टैक्सियाँ इलेक्ट्रिक। |
संबंधित प्राधिकरण | उप प्रधानमंत्री ट्रान होंग हा, जलवायु विशेषज्ञ हुई गुयेन। |
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