गुजरात पुलिस द्वारा शुरू किया गया GP-DRASTI (ड्रोन रिस्पॉन्स एंड एरियल सर्विलांस टैक्टिकल इंटरवेंशन्स) कार्यक्रम राज्य में कानून व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के तहत क्वाडकॉप्टर ड्रोन का उपयोग अपराध की निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और अपराध स्थलों के दस्तावेजीकरण को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा जैसे शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही गैंग गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए तैयार किया गया है। पुलिस स्टेशनों के स्तर पर इन ड्रोन को एकीकृत किया जा रहा है, जिससे रीयल-टाइम सर्विलांस और अपराध स्थलों पर तेज़ी से पहुंचना संभव हो रहा है। यह प्रणाली पुलिस की त्वरित कार्रवाई क्षमताओं को कई गुना बढ़ा रही है और प्रमाण एकत्र करने में भी मददगार साबित हो रही है।
GP-DRASTI ड्रोन कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
उद्देश्य और लक्ष्य
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त्वरित प्रतिक्रिया: यह कार्यक्रम गैंग हिंसा, चाकूबाजी और दंगों जैसी घटनाओं पर शीघ्र नियंत्रण के लिए पुलिस की प्रतिक्रिया समय को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है।
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सबूत एकत्र करना: ड्रोन हाई-डेफिनिशन फुटेज कैप्चर करते हैं, जो जांच और अभियोजन में सहायक होते हैं।
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अपराध की रोकथाम: सड़क हिंसा, भीड़ द्वारा हमले, और खुलेआम हथियार लहराने जैसी घटनाओं को रोकने हेतु संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जाती है।
कार्यप्रणाली
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पुलिस नियंत्रण कक्ष से समन्वय: किसी घटना की सूचना मिलने पर नियंत्रण कक्ष ड्रोन और ग्राउंड टीम दोनों को तैनात करता है, जिससे ड्रोन घटनास्थल पर PCR वैन से पहले पहुंच जाते हैं।
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रीयल-टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग: पुलिस थानों को घटनास्थल की लाइव फुटेज मिलती है, जिससे वे स्थिति के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।
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लक्षित उड़ान मार्ग: ड्रोन को सीधे किसी स्थलचिन्ह तक उड़ाया जा सकता है और फिर वहां से ज़रूरत अनुसार किसी भी दिशा में मोड़ा जा सकता है।
संचालन क्षेत्र
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अपराध प्रभावित इलाके: कार्यक्रम का मुख्य फोकस अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा के 33 पुलिस स्टेशनों पर है, जहां हमले, दंगे और गैरकानूनी जमावड़े की घटनाएं ज़्यादा होती हैं। ये क्षेत्र SHASTRA प्रोग्राम के तहत चिन्हित किए गए हैं।
ड्रोन की विशेषताएं
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उड़ान क्षमता: अधिकतम 120 मीटर की ऊँचाई, 4 किलोमीटर की रेंज और 45 मिनट की उड़ान समय।
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कैमरा क्षमताएं: 1 किलोमीटर तक ज़ूम करने वाला HD कैमरा और नाइट विज़न से लैस, जिससे रात में भी निगरानी संभव है।
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टारगेट फॉलोइंग: ड्रोन किसी निश्चित लक्ष्य पर लॉक होकर उसका पीछा कर सकता है, जिससे अपराधियों पर नज़र रखना आसान होता है।
तकनीक और प्रशिक्षण
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ड्रोन बेस स्टेशन: सभी ड्रोन केंद्रित बेस स्टेशनों से नियंत्रित किए जाएंगे, ताकि वे तय सीमा के भीतर रहें।
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स्टाफ प्रशिक्षण: शुरुआती चरण में 16 कर्मियों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, आगे और भी स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा।
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एरियल आईडी सिस्टम: ये ड्रोन चेहरे की विशेषताओं को कैप्चर करने में सक्षम हैं, जिससे भीड़ में अपराधियों की पहचान की जा सकेगी।
यह कार्यक्रम आधुनिक तकनीक के साथ पुलिस बल को एक नया आयाम देता है और शहरी सुरक्षा को मजबूत करता है।
मुद्दा | विवरण |
क्यों चर्चा में? | गुजरात पुलिस का GP-DRASTI ड्रोन कार्यक्रम: जन सुरक्षा को सशक्त बनाने की पहल |
कार्यक्रम का नाम | GP-DRASTI (Gujarat Police – Drone Response and Aerial Surveillance Tactical Interventions) |
मुख्य उद्देश्य | त्वरित प्रतिक्रिया बल, साक्ष्य एकत्र करना, और अपराधों पर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करना |
कवरेज क्षेत्र | अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा; 33 पुलिस स्टेशनों पर विशेष ध्यान |
ड्रोन की विशेषताएं | – अधिकतम उड़ान ऊँचाई: 120 मीटर – उड़ान समय: 45 मिनट – रेंज: 4 किलोमीटर |
कैमरा क्षमताएं | 1 किलोमीटर तक ज़ूम, HD क्वालिटी, नाइट विज़न |
प्रशिक्षण | ड्रोन संचालन हेतु प्रारंभिक रूप से 16 कर्मियों को प्रशिक्षण |
पहचान प्रणाली | भीड़ में चेहरे की पहचान व ID कैप्चर करने की क्षमता |