गुजरात अब भारत का प्रोसेस्ड आलू उत्पादन में शीर्ष राज्य बन गया है, विशेष रूप से फ्रेंच फ्राइज़ और वेफर्स बनाने वाले आलू के क्षेत्र में। वर्ष 2024–25 के आंकड़ों के अनुसार, यह उपलब्धि किसानों और खाद्य कंपनियों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हुई है और निर्यात को बढ़ावा मिला है। इस सफलता के पीछे आधुनिक खेती, सरकारी सहयोग और फूड चेन व वैश्विक बाजारों से बढ़ती माँग प्रमुख कारण हैं।
बनासकांठा: आलू उत्पादन में अग्रणी
गुजरात के बनासकांठा जिले ने तीसरे वर्ष लगातार प्रोसेस्ड आलू उत्पादन में राज्य का नेतृत्व किया है। 2024–25 में यहाँ 61,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में 18.70 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ, जो 2023–24 के 15.62 लाख टन से उल्लेखनीय वृद्धि है। 30.65 टन प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता दर के साथ यह जिला फ्रेंच फ्राइ ग्रेड आलू की माँग को पूरा करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
अन्य प्रमुख जिले जैसे सबरकांठा (12.97 लाख टन) और अरावली (6.99 लाख टन) भी उच्च उत्पादकता के साथ उभरे हैं। विशेष रूप से अरावली, जहाँ आलू की खेती हाल ही में शुरू हुई है, अनुकूल जलवायु और बेहतर ढाँचे के चलते तेजी से प्रगति कर रहा है।
बुनियादी ढाँचा और निर्यात में बढ़त
गुजरात के उत्तरी जिलों में अत्याधुनिक कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ हैं, जो आलू को साल भर ताज़ा और प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त बनाए रखती हैं। ये क्षेत्र अब फ्रोजन फूड कंपनियों और क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स (QSRs) के प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गए हैं।
यहाँ उगाई जाने वाली किस्में जैसे लेडी रोसेटा, कुफ़्री चिपसोना और सैंटाना में उच्च ड्राय मैटर और कम शर्करा होती है, जो इन्हें कुरकुरे, सुनहरे फ्रेंच फ्राइज़ बनाने के लिए आदर्श बनाती हैं और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरती हैं। इस कारण से, विशेषकर मध्य-पूर्व जैसे बाजारों में निर्यात के नए अवसर खुले हैं।
सरकारी समर्थन ने दी रफ्तार
प्रोसेस्ड आलू खेती की यह वृद्धि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की पहल से संभव हो पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रोत्साहित वैल्यू-एडेड एग्रीकल्चर और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नीतियों के तहत किसानों को प्रोसेसिंग ग्रेड फसलें उगाने के लिए आवश्यक उपकरण और मार्गदर्शन मिल रहा है।
कृषि विभाग, गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन, और स्थानीय किसानों के समन्वित प्रयासों से गुजरात अब इस बात का उदाहरण बन गया है कि कैसे कृषि, उद्योग का समर्थन कर सकती है और निर्यात व फूड प्रोसेसिंग के ज़रिए किसान की आय बढ़ा सकती है।
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