जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और भरूच जिले के दहेज में ओपीएल पेट्रोकेमिकल परिसर के साथ गुजरात अब भारत की ‘‘पेट्रो राजधानी” के रूप में पहचाना जाता है। अधिकारियों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) जामनगर रिफाइनरी 14 लाख बैरल प्रति दिन (एमबीपीएस) कच्चे तेल की प्रसंस्करण क्षमता के साथ दुनिया की सबसे बड़ी तथा सबसे जटिल सिंगल-साइट रिफाइनरी है।
आरआईएल की वेबसाइट के अनुसार, जामनगर रिफाइनरी परिसर में दुनिया की कुछ सबसे बड़ी इकाइयां हैं, जैसे द्रवीकृत उत्प्रेरक क्रैकर, कोकर, एल्काइलेशन, पैराक्सिलीन, पॉलीप्रोपाइलीन, रिफाइनरी ऑफ-गैस क्रैकर और पेटकोक गैसीकरण संयंत्र। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य के पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के प्रभाव को हाल ही में रेखांकित किया था।
अधिकारियों ने बताया कि आयोजित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (वीजीजीएस) 2019 में दहेज में पेट्रोलियम, रसायन तथा पेट्रोकेमिकल्स निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर) में जैव-रिफाइनरी के लिए 3,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। दहेज में रासायनिक विनिर्माण के लिए 2022 में 7,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
वीजीजीएस के 10वे संस्करण का विषय ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ (भविष्य का प्रवेश द्वार) है। इसका आयोजन 10 से 12 जनवरी के बीच राज्य की राजधानी गांधीनगर में किया जाएगा। यूपीएल लिमिटेड के चेयरमैन एवं समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जय श्रॉफ ने हाल ही में क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि के लिए गुजरात की प्रगतिशील नीतियों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार द्वारा दिए गए समर्थन की बदौलत इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों ने वैश्विक बाजार में नई ऊंचाइयों को छुआ है। इन कंपनियों की शुरुआत छोटी इकाइयों के रूप में हुई लेकिन अब यह बड़ी कंपनियां बन गई हैं। सक्रिय सरकारी नीतियों के परिणामस्वरूप देश के कुल डाई और मध्यवर्ती विनिर्माण में राज्य करीब 75 प्रतिशत का योगदान देता है।
गुजरात के भरूच जिले के दहेज में पेट्रोलियम, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स निवेश क्षेत्र पीसीपीआईआर नीति 2007 के तहत केंद्र द्वारा घोषित चार पीसीपीआईआर में से एक है। इसकी वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई। गुजरात पीसीपीआईआर 452.98 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसका सड़क, रेल, बंदरगाह तथा हवाई संपर्क बेहतरीन है।
वहीं रिलायंस, शेल, ओएनजीसी और अन्य कंपनियां पहले से ही गुजरात में अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य एक दिन अपने रसायनों तथा पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में अद्वितीय होगा।
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