सरकार ने नोएडा के गौतम बुद्ध नगर में भारतीय विरासत संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह समृद्ध भारतीय विरासत और इसके संरक्षण के क्षेत्र में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को प्रभावित करेगा, जिससे कला (Arts), संरक्षण (Conservation), संग्रहालय विज्ञान (Museology), अभिलेखीय अध्ययन (Archival Studies), पुरातत्व (Archaeology), निवारक संरक्षण (Preventive Conservation), एपिग्राफी (Epigraphy) और न्यूमिज़माटिक्स (Numismatics), पांडुलिपि विज्ञान (Manuscriptology) के साथ-साथ संरक्षण के इतिहास में परास्नातक और पीएचडी पाठ्यक्रमों की ओर अग्रसर होगा तथा संस्थान के सेवारत कर्मचारियों और छात्रों को प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी।
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इस संस्थान की स्थापना पुरातत्व संस्थान (पं दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान), भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली के तहत अभिलेखीय अध्ययन विद्यालय, सांस्कृतिक संपत्ति के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला (NRLC), लखनऊ, नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री ऑफ आर्ट, कंजर्वेशन एंड म्यूजियोलॉजी (NMICHM) और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स (IGNCA), नई दिल्ली के अकादमिक विंग को एकीकृत करके की जा रही है, जिसे एक विश्वविद्यालय माना जाता है।
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