Categories: Economy

उत्तराखंड की जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी

भारत की केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत शामिल करने के लिए हरी झंडी दे दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया। यह परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यक्रम के तहत पूरी की जाएगी और यह उत्तराखंड के साथ में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई, बिजली और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएगी।

मार्च 2028 में पूरी होने वाली इस परियोजना पर 2584 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस परियोजना के तहत नैनीताल जिले में रामगंगा नदी की सहायक नदी गोला के तट पर बसे जमरानी गांव में बांध का निर्माण किया जाना है।

 

जमरानी बांध परियोजना का निमार्ण

बता दें कि जमरानी बांध परियोजना का निमार्ण नैनीताल में काठगोदाम से 10 किलोमीटर अपस्ट्रीम में गोला नदी पर होना है। परियोजना से डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही हल्द्वानी शहर को वर्षभर 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।

 

सरकार 1557.18 करोड़ रुपये उत्तराखंड को देगी

परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 1557.18 करोड़ रुपये उत्तराखंड को देगी। इस फैसले के संदर्भ में जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जमरानी बांध परियोजना के जरिये 57065 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाएगा। इसमें 9458 हेक्टेयर जमीन उत्तराखंड और 47607 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश की है।

 

सिंचाई एवं नहर प्रणाली

  • यह बांध 40.5 किमी नहर प्रणाली के माध्यम से मौजूदा गोला बैराज को पानी की आपूर्ति करेगा।
  • इससे 57,065 हेक्टेयर भूमि को कवर करते हुए एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई का पानी उपलब्ध होगा।
  • इसमें उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर शामिल है।
  • इस सिंचाई से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों में उत्तराखंड में नैनीताल, उधम सिंह नगर जिले और उत्तर प्रदेश में रामपुर और बरेली जिले शामिल हैं।

 

Find More News on Economy Here

FAQs

भारत का सबसे बड़ा पानी का बांध कौन सा है?

भारत में सरदार सरोवर बांध गुजरात में नवगाम के नजदीक केवड़िया में नर्मदा नदी पर बनाया गया है। यह 'नर्मदा घाटी परियोजना' के अधीन बनाया गया सबसे बड़ा बांध है। इसकी बिजली उत्पादन की क्षमता 200 मेगावाट है और यह कच्छ और सौराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को राहत प्रदान करती है।

vikash

Recent Posts

भारत का वित्तीय अद्यतन: 2023-24 घाटा और राजस्व वृद्धि

मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए भारत का राजकोषीय घाटा सरकारी…

5 hours ago

इसरो विकसित कर रहा तरल ऑक्सीजन केरोसिन चालित सेमी-क्रायोजेनिक इंजन

इसरो सेमी-क्रायोजेनिक इंजन विकसित कर रहा है। इसका मकसद प्रक्षेपण यान मार्क-3 (एलवीएम3) की पेलोड…

5 hours ago

भारती एंटरप्राइजेज ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के शेयर 663 करोड़ रुपये में बेचे

सुनील भारती मित्तल की अगुवाई वाली भारती एंटरप्राइजेज ने खुले बाजार में लेनदेन के माध्यम…

6 hours ago

वैश्विक वाणिज्य अवसरों को बढ़ाना: यस बैंक और ईबीएएनएक्स साझेदारी

भारत में निजी क्षेत्र का अग्रणी बैंक, यस बैंक, उभरते बाजारों के लिए भुगतान समाधान…

6 hours ago

SBI Q4 Results: मुनाफा 24% बढ़कर 20,698.3 करोड़ रुपये, शेयर में रिकॉर्ड तोड़ तेजी

अपनी नवीनतम तिमाही रिपोर्ट में, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उल्लेखनीय वित्तीय प्रदर्शन का प्रदर्शन…

6 hours ago

जया त्रिपाठी की नियुक्ति: SBI जनरल इंश्योरेंस में प्रमुख संबंधों का नेतृत्व

SBI जनरल इंश्योरेंस ने जया त्रिपाठी को हेड प्रमुख संबंध समूह के रूप में नियुक्त…

7 hours ago