केंद्र सरकार ने प्राकृतिक गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों के आधार पर पाइप्ड कुकिंग गैस की कीमतों को सीमित करने के लिए एक नए गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को मंजूरी दे दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक के बाद इस संबंध में जानकारी दी। वजह यह है कि यह ना सिर्फ देश में सीएनजी व पीएनजी की खपत को बढ़ावा देगा बल्कि घरेलू बाजार में गैस कीमतों को लेकर एक स्थिरता बना कर रखेगा। इस फैसले से देश में सीएनजी व पीएनजी की कीमतों में 11 फीसद तक की कमी आने की संभावना जताई जा रही है। सीएनजी व पीएनजी की कीमतों में कटौती को देखते हुए भाजपा भी इसे चुनावी साल में खूब प्रचारित करने की योजना बना कर चल रही है।
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कैबिनेट ने किरीट पारिख समिति की रिपोर्ट के कुछ हिस्से को स्वीकार करते हुए ही नई कीमत नीति को मंजूरी दी है। अगर समिति की पूरी सिफारिशें लागू की गई जाती तो घरेलू गैस की कीमतों में और वृद्धि हो जाती। माना जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में पीएनजी व सीएनजी की कीमतों में भारी वृद्धि के मद्देनजर केंद्र सरकार चुनावी साल में इन दोनो में और वृद्धि करने का जोखिम नहीं लिया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को जो फैसला किया है उसके मुताबिक देश के पुराने गैस फील्डों से निकालने जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत हर महीने तय होगी।
यह कीमत हर महीने जिस दर पर भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चे तेल की खरीद करता है उसकी 10 फीसद होगी। लेकिन इसकी सीमा चार डॉलर से 6.50 डॉलर प्रति यूनिट ही होगी। यानी क्रूड की खरीद बहुत ज्यादा कीमत पर हो तब भी घरेलू कीमत 6.50 डॉलर से ज्यादा नहीं होगी और क्रूड कीमत में भारी गिरावट आ जाए तब भी यह चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मिलियन मैट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट- गैस मापने की इकाई) से कम नही होगी।
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