सरकार ने समावेशी निर्णय के लिए एफटीपी में संशोधन किया

विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 को अधिक समावेशी और पारदर्शी बनाने के लिए, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है। इस संशोधन के तहत, एफटीपी के निर्माण या संशोधन के दौरान संबंधित हितधारकों, जैसे आयातकों, निर्यातकों और उद्योग विशेषज्ञों से परामर्श अनिवार्य कर दिया गया है।

संशोधन के प्रमुख उद्देश्य

समावेशी निर्णय-निर्माण:
यह संशोधन व्यापार नीतियों से प्रभावित सभी हितधारकों को नीति निर्माण प्रक्रिया में शामिल करने का प्रयास करता है। इससे आयात, निर्यात और माल के परिवहन को प्रभावित करने वाली नीतियों और प्रक्रियाओं में हितधारकों को अपनी राय व्यक्त करने और सार्थक योगदान देने का अवसर मिलेगा।

प्रतिपुष्टि के लिए तंत्र:

यह संशोधन हितधारकों को उनके विचारों, सुझावों, टिप्पणियों या प्रतिक्रिया को अस्वीकार करने के कारणों की सूचना देने के लिए एक संरचित तंत्र प्रदान करता है। यह पारदर्शिता सरकार और व्यापार प्रतिभागियों के बीच विश्वास और स्पष्टता को बढ़ावा देता है।

व्यवसाय करने में सुगमता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

ये संशोधन भारत में व्यवसाय करने की सुगमता को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। परामर्श के माध्यम से हितधारकों और विशेषज्ञों की भागीदारी को प्रोत्साहित करके, सरकार व्यापार और वाणिज्य के लिए एक अधिक अनुकूल वातावरण बनाने का लक्ष्य रखती है।

अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित

सरकार प्रत्येक मूल्यवान राय और प्रतिक्रिया पर विचार करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह यह भी स्वीकार करती है कि किसी विषय पर भिन्न विचार हो सकते हैं। ऐसे मामलों में, व्यापार की सुचारु कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए, सरकार अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित रखती है। यह प्रावधान समावेशिता को बढ़ावा देते हुए भी निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित करता है।

भविष्य के लिए प्रभाव

यह संशोधन व्यापार से संबंधित निर्णय-निर्माण में समावेशिता का एक नया युग लेकर आएगा। जैसे ही सरकार आधिकारिक चैनलों के माध्यम से एफटीपी में बदलाव के लिए हितधारकों की राय और प्रतिक्रिया पर विचार करना शुरू करेगी, यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण अधिक प्रभावी और प्रतिनिधित्वकारी व्यापार नीतियों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

मुख्य बिंदु विवरण
खबर में क्यों विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 2 जनवरी 2025 को विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में संशोधन किया, जिससे नीति निर्माण/संशोधन के लिए हितधारकों से परामर्श अनिवार्य किया गया।
संशोधन की तिथि 2 जनवरी 2025
मुख्य उद्देश्य आयातकों, निर्यातकों और उद्योग विशेषज्ञों जैसे हितधारकों को शामिल कर समावेशी निर्णय-निर्माण सुनिश्चित करना।
प्रतिक्रिया तंत्र हितधारकों को सुझाव देने के लिए एक संरचित मंच प्रदान किया गया है, जिसमें सुझाव अस्वीकार करने के कारण भी साझा किए जाएंगे।
व्यवसाय करने में सुगमता भारत के व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ाकर इसे सुधारना।
अधिकार सुरक्षित नीतियों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सरकार के पास सुरक्षित रहेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय भारत में विदेश व्यापार नीति को लागू करने और इसकी निगरानी करने का दायित्व।
विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) भारत के आयात और निर्यात नियमों को नियंत्रित करती है, जिसका उद्देश्य वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा और व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देना है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

SEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…

8 hours ago

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारत को अपना पहला वन विश्वविद्यालय मिलेगा

भारत अपनी पहली ‘वन विश्वविद्यालय (Forest University)’ की स्थापना की तैयारी कर रहा है, जो…

9 hours ago

झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 जीती

झारखंड ने 2025–26 सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) जीतकर इतिहास रच दिया। ईशान…

10 hours ago

संसद ने शांति बिल पास किया, AERB को वैधानिक दर्जा मिला

संसद ने सतत उपयोग एवं उन्नयन द्वारा भारत के परिवर्तन हेतु परमाणु ऊर्जा (SHANTI) विधेयक,…

11 hours ago

दक्षिण अफ्रीका से कैपुचिन बंदरों का बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में आयात

बेंगलुरु के पास स्थित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) ने संरक्षण-उन्मुख चिड़ियाघर प्रबंधन को…

11 hours ago

ओडिशा बनेगा एआई हब, 19-20 दिसंबर को क्षेत्रीय एआई इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस

ओडिशा सरकार 19–20 दिसंबर को रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगी। यह आयोजन शासन…

11 hours ago