केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार से जुड़ी देश की सबसे बड़ी योजना मनरेगा को नया रूप देने का फैसला कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम बदलने वाला बिल मंजूर किया गया। सरकार का कहना है कि यह बदलाव ग्रामीण रोजगार और विकास को नई दिशा देने के लिए किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना का नाम अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ कर दिया जाएगा और इसके तहत काम के दिनों की संख्या भी 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी।
मनरेगा या नरेगा का मकसद ग्रामीण इलाकों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाना है। इसके तहत एक पात्र परिवार को एक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों की रोजगार गारंटी दी जाती है। इस योजना को 2005 में लागू किया गया था। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (एनआरईजीए), जिसका नाम बाद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) के रूप में बदल दिया गया, एक श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसका उद्देश्य “काम के अधिकार” की गारंटी देना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है।
MGNREGS का नया नाम: पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना
(पहले NREGS → 2009 में MGNREGS)
गारंटीकृत रोजगार: 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA), 2005 में संशोधन को मंजूरी
औपचारिक अधिसूचना जारी होना शेष
अधिनियम लागू: 25 अगस्त 2005
ग्रामीण वयस्क परिवारों को 100 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी
मुख्य उद्देश्य:
ग्रामीण क्रय शक्ति में वृद्धि
आजीविका सुरक्षा प्रदान करना
ग्रामीण संकट और गरीबी को कम करना
टिकाऊ सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण
2009: नाम बदला गया—महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम/योजना (MGNREGA)
इस अद्यतन के आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव हैं—
ग्रामीण परिवारों के लिए मजबूत आय समर्थन
विशेषकर कृषि के कमजोर मौसम में अधिक सुनिश्चित रोजगार
ग्रामीण क्षेत्रों में खपत और खर्च बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
कम आय वाले परिवारों के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा जाल
योजना के मूल उद्देश्य—गरीबी उन्मूलन और आय असमानता में कमी—को मजबूती
मूल अधिनियम: NREGA, 2005
नाम परिवर्तन:
2009: MGNREGA
2025: पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना
गारंटीकृत कार्यदिवस: पहले 100, अब 125 दिन
औसत वास्तविक कार्यदिवस (2024–25): 50.24 दिन
प्रशासक मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय (MRD)
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