Google ने हाल ही में Google Beam नामक एक AI-आधारित 3D वीडियो संचार प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है, जो दूरदराज़ के लोगों के बीच बातचीत को आभासी लेकिन आमने-सामने जैसी वास्तविक बनाता है। पहले यह तकनीक Project Starline के नाम से जानी जाती थी। अब इसका व्यावसायीकरण हो चुका है, और यह वर्चुअल मीटिंग्स की दुनिया में एक नई दिशा तय कर रहा है—वो भी बिना किसी हेडसेट या चश्मे की आवश्यकता के।
समाचार में क्यों?
हाल ही में Google ने अपने प्रोजेक्ट Starline को एक व्यावसायिक 3D संचार प्लेटफ़ॉर्म के रूप में विकसित कर Google Beam के रूप में लॉन्च किया है। यह एक AI-आधारित वॉल्यूमेट्रिक वीडियो टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है, जो वीडियो कॉल को इमर्सिव और यथार्थवादी बनाता है। Zoom, HP और Deloitte जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी के साथ, Google Beam अब कार्यक्षेत्र संचार में क्रांति लाने और AI-संचालित रीयल-टाइम स्पीच ट्रांसलेशन के ज़रिए वैश्विक भाषा बाधाओं को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उद्देश्य और लक्ष्य
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वर्चुअल संचार को 3D, लाइव और इमर्सिव बनाना।
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बिना VR हेडसेट के, दूर बैठे लोगों को आमने-सामने बातचीत जैसी अनुभूति देना।
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AI की मदद से रीयल-टाइम स्पीच ट्रांसलेशन, जिसमें आवाज़, भाव और लहजा सुरक्षित रहता है।
पृष्ठभूमि
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Project Starline की शुरुआत 2021 में हुई थी।
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इसमें लाइट-फील्ड डिस्प्ले और AI आधारित 3D रेंडरिंग का प्रयोग किया गया था।
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अब इसे Google Beam के रूप में व्यवसायिक उपयोग के लिए लॉन्च किया गया है।
Google Beam की प्रमुख विशेषताएँ
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AI वॉल्यूमेट्रिक वीडियो मॉडल: 2D वीडियो को रीयल टाइम में 3D में बदलता है।
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लाइट-फील्ड डिस्प्ले: गहराई, आयाम और यथार्थवादी आई-कॉन्टैक्ट प्रदान करता है।
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Google Cloud द्वारा समर्थित: उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और स्केलेबिलिटी सुनिश्चित करता है।
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रीयल-टाइम स्पीच ट्रांसलेशन: विभिन्न भाषाओं में तुरंत अनुवाद, आवाज़ और भावनाओं के साथ।
साझेदारियाँ और उद्योगों में अपनाने की स्थिति
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Zoom और HP अपने कार्यस्थलों में Google Beam को लागू कर रहे हैं।
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HP के पहले डिवाइस InfoComm 2025 में लॉन्च किए जाएंगे।
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Salesforce, Deloitte, Duolingo, Citadel जैसी बड़ी कंपनियाँ शुरुआती उपयोगकर्ता हैं।
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अन्य प्रमुख साझेदार: AVI-SPL, Diversified, NEC।
महत्त्व और प्रभाव
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व्यवसाय, स्वास्थ्य, शिक्षा और कंसल्टिंग क्षेत्रों में दूरस्थ सहयोग का नया मानक स्थापित करता है।
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भाषा की बाधाओं को तोड़ता है — AI आधारित अनुवाद के साथ।
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वर्चुअल मीटिंग्स में भावनात्मक समझ और जुड़ाव को बढ़ाता है।