गोदरेज ने इसरो के इस मिशन के लिए मानव-रेटेड विकास इंजन वितरित किया

भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान आकांक्षाओं को एक बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि गोडरेज एयरोस्पेस ने मानव-रेटेड विक्रम (Vikas) इंजन का पहला सेट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को सौंप दिया है। यह इंजन LVM-3 रॉकेट के L110 चरण को शक्ति प्रदान करेगा—जो गगनयान, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, के लिए निर्धारित प्रक्षेपण यान है। यह उपलब्धि न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की अंतरिक्ष आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है, जो आने वाले वर्षों में मानवरहित और मानव मिशनों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

मानव-रेटेड विक्रम इंजन क्यों महत्वपूर्ण है?

मानव-रेटेड L110 विक्रम इंजन को विशेष रूप से उच्च सुरक्षा, विश्वसनीयता, और प्रदर्शन मानकों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है। यह LVM-3 के कोर स्टेज में स्थित होता है और रॉकेट के आरोहण के दौरान स्थिर थ्रस्ट (propulsion) प्रदान करता है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

मानव-रेटिंग की प्रक्रिया में शामिल होता है—

  • गहन प्रमाणीकरण और परीक्षण

  • कई स्तरों की रेडंडेंसी

  • फॉल्ट टॉलरेंस सिस्टम

  • व्यापक ग्राउंड टेस्टिंग

इस इंजन की आपूर्ति से ISRO मानवरहित परीक्षण उड़ानों और आगे चलकर मानवयुक्त उड़ान के और करीब आ गया है।

गगनयान मिशन: भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा की छलांग

गगनयान कार्यक्रम भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन है। इसके तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लगभग 3 दिनों के लिए भेजा जाएगा। इस मिशन के साथ भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद, मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

मुख्य माइलस्टोन—

  • पहली मानवरहित उड़ान: प्रारंभिक 2026 में, जिसमें क्रू एस्केप सिस्टम, स्थिर उड़ान एवं रिकवरी की जाँच होगी

  • मानवयुक्त उड़ान: लक्ष्य वर्ष—2027

  • अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण: भारत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ जारी

गोडरेज एयरोस्पेस: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक मज़बूत स्तंभ

पिछले 40 वर्षों से गोडरेज एयरोस्पेस भारत की अंतरिक्ष यात्रा का अहम हिस्सा रहा है। इनके प्रमुख योगदान—

  • PSLV, GSLV और LVM-3 के इंजन

  • चंद्रयान और मंगलयान मिशनों के लिए महत्त्वपूर्ण घटक

  • NASA-ISRO NISAR उपग्रह के लिए उपकरण

  • LPSC-बेंगलुरु के साथ लंबा सहयोग

मानव-रेटेड विक्रम इंजन की आपूर्ति उनकी इंजीनियरिंग क्षमता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।

परीक्षा हेतु स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • लॉन्च व्हीकल: LVM-3 (भारत का सबसे भारी रॉकेट)

  • प्रदान किया गया इंजन: मानव-रेटेड विक्रम इंजन (L110 स्टेज)

  • विकासकर्ता: गोडरेज एयरोस्पेस

  • ईंधन प्रकार: तरल प्रणोदन प्रणाली (Liquid Propulsion)

  • मूल विकास: फ्रांसीसी Viking इंजन (1970s)

  • गगनयान क्रू: 3 अंतरिक्ष यात्री

  • मिशन अवधि: लगभग 3 दिन (Low Earth Orbit)

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

4 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

4 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

5 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

8 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

8 hours ago