गोवा सरकार ने 14 जुलाई 2025 को मंडोवी नदी पर भारत की पहली RoRo (रोल-ऑन/रोल-ऑफ) फेरी सेवा का शुभारंभ किया। इस नई सेवा के तहत ‘गंगोत्री’ और ‘द्वारका’ नामक दो आधुनिक फेरी चलाई जाएंगी, जो चोराओ द्वीप और रिबंदर के बीच की यात्रा को तेज और आसान बनाएंगी। यह कदम न केवल दैनिक यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि गोवा के जल परिवहन और पर्यटन को भी मजबूत करेगा।
तेज रफ्तार और आधुनिक सुविधाएं
नई RoRo फेरी सेवाएं यात्रियों के साथ-साथ वाहनों को भी ढोने में सक्षम हैं। प्रत्येक फेरी में लगभग 100 यात्री, 15 कारें और 30–40 दोपहिया वाहन एक साथ आ-जा सकते हैं। ये फेरी 10 नॉट्स की रफ्तार से चलती हैं, जो पुराने नौकाओं से लगभग दोगुनी तेज है। अब चोराओ से रिबंदर की दूरी 30 मिनट से घटकर मात्र 12–13 मिनट में तय हो सकेगी।
फेरी में वाहनों के लिए निर्धारित लेन, वातानुकूलित बैठने की व्यवस्था और आपातकालीन चिकित्सा किट जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं, जिससे यात्रा सुरक्षित और आरामदायक हो जाती है।
आधुनिक मॉडल पर आधारित परियोजना
इन फेरी को विजई मरीन शिपयार्ड्स द्वारा डिज़ाइन किया गया है और ये BOOT (बिल्ट-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर) मॉडल के तहत संचालित होंगी, यानी यह परियोजना राज्य सरकार की ओर से बिना किसी लागत के विकसित की गई है। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इसे गोवा के जल परिवहन में एक महत्वपूर्ण प्रगति बताया और कहा कि इससे स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों दोनों को लाभ होगा।
जल परिवहन मंत्री सुभाष फाल देसाई ने कहा कि यह सेवा प्रतीक्षा समय और आवाजाही में आने वाली बाधाओं को कम करेगी और यात्रियों को एक तेज़ और सुगम सफर प्रदान करेगी।
पर्यटन और स्थानीय आवागमन को बढ़ावा
RoRo परियोजना से गोवा में पर्यटन को नई गति मिलेगी क्योंकि यह यात्रा को अधिक सुगम और आकर्षक बनाएगी। साथ ही, स्थानीय लोग भी तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। चूंकि यह सेवा भारत में अपनी तरह की पहली है, इसलिए यह अन्य तटीय राज्यों के लिए भी जल परिवहन के क्षेत्र में एक प्रेरणा बन सकती है।