वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index – GPI) 2025, जो अब अपने 19वें संस्करण में है, दुनिया में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति का सबसे प्रमुख मापक बना हुआ है। इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा विकसित यह सूचकांक 163 देशों की शांति स्थिति का मूल्यांकन करता है, जो विश्व की 99.7% आबादी को कवर करता है। ऐसे समय में जब वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है, GPI संघर्ष, सुरक्षा और सैन्यकरण की वर्तमान वैश्विक प्रवृत्तियों का एक महत्वपूर्ण संकेतक बन गया है।
क्या है ‘वैश्विक शांति सूचकांक’?
ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) एक वार्षिक मात्रात्मक विश्लेषण है, जो शांति को तीन प्रमुख क्षेत्रों में 23 संकेतकों के आधार पर मापता है:
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सामाजिक सुरक्षा और संरक्षा
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चल रहे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष
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सैन्यकरण की स्थिति
कौन करता है प्रकाशन?
इस सूचकांक को इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा प्रकाशित किया जाता है, जो सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में स्थित एक स्वतंत्र, गैर-पक्षपाती थिंक टैंक है।
IEP का उद्देश्य स्थायी शांति और सुरक्षा सुधारों के लिए सरकारों, शोधकर्ताओं और वैश्विक संस्थानों को विश्वसनीय आंकड़ों और विश्लेषणों के माध्यम से मार्गदर्शन देना है।
वैश्विक शांति सूचकांक 2025 के प्रमुख मापदंड
मापदंड | विवरण |
GPI क्या है? | 23 संकेतकों पर आधारित 3 क्षेत्रों में शांति को मापने वाला समग्र सूचकांक |
प्रकाशक संस्था | इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स एंड पीस (IEP) |
संस्करण | 19वाँ संस्करण (वर्ष 2025) |
शामिल देश | कुल 163 देश |
शीर्ष स्थान प्राप्त देश | आइसलैंड (रैंक 1, स्कोर: 1.095) |
भारत की रैंकिंग (2025) | 115वाँ स्थान (स्कोर: 2.229) |
वैश्विक शांति प्रवृत्ति | 2024 की तुलना में 0.36% की गिरावट |
शांति में सुधार वाले देश | 74 देश |
स्थिति बिगड़ने वाले देश | 87 देश |
निचला स्थान प्राप्त देश | रूस (रैंक 163, स्कोर: 3.441) |
सबसे खराब क्षेत्र | दक्षिण एशिया |
हिंसा की आर्थिक लागत | $19.97 ट्रिलियन (वैश्विक GDP का 11.6%) |
सबसे अधिक बिगड़ा संकेतक | लड़े गए बाहरी संघर्ष (External Conflicts Fought) |
सबसे बेहतर सुधार संकेतक | आपराधिकता की धारणा (Perceptions of Criminality) |
वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) स्कोर कैसे गणना किया जाता है
GPI स्कोर 23 संकेतकों पर आधारित एक वेटेड (भारांकित) प्रणाली के माध्यम से तैयार किया जाता है, जो गुणात्मक मूल्यांकन (जैसे कि राजनीतिक स्थिरता, आपराधिकता की धारणा) और मात्रात्मक आँकड़ों (जैसे कि हत्या की दर, आंतरिक संघर्षों की संख्या) को शामिल करता है।
यह स्कोर 1 (सबसे शांतिपूर्ण) से 5 (सबसे अशांत) के बीच होता है।
कम GPI स्कोर का अर्थ है कि कोई देश अधिक शांतिपूर्ण और स्थिर है।
गणना में शामिल प्रमुख कारक:
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आंतरिक और बाहरी संघर्ष की अवधि
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आतंकवाद का प्रभाव और हत्या की दर
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राजनीतिक अस्थिरता और दमन
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सैन्य व्यय और हथियारों का आयात
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पड़ोसी देशों के साथ संबंध
वैश्विक शांति सूचकांक 2025: प्रमुख प्रवृत्तियाँ और मुख्य बातें
वैश्विक शांति में गिरावट
2025 वैश्विक शांति में पिछले 17 वर्षों में 13वीं गिरावट का वर्ष है। औसतन वैश्विक शांति में 0.36% की कमी दर्ज की गई।
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87 देशों में स्थिति खराब हुई
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74 देशों में सुधार हुआ
संघर्षों में वृद्धि
वर्तमान में 59 सक्रिय राज्य-आधारित संघर्ष चल रहे हैं — यह संख्या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे अधिक है।
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केवल 2024 में 1.52 लाख से अधिक मौतें हुईं।
सैन्यीकरण में इज़ाफा
84 देशों में सैन्य व्यय (GDP के प्रतिशत के रूप में) बढ़ा है, जो वैश्विक असुरक्षा और तनाव का संकेत है।
यह प्रवृत्तियाँ बताती हैं कि वैश्विक स्तर पर तनाव, संघर्ष और सैन्यीकरण बढ़ रहा है, जिससे शांति बनाए रखना अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
2025 में विश्व के शीर्ष 10 सबसे शांतिपूर्ण देश (Global Peace Index के अनुसार)
वैश्विक अशांति के बावजूद, कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने अत्यधिक शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखी है:
रैंक | देश | GPI स्कोर | क्षेत्र |
1 | आइसलैंड (Iceland) | 1.095 | यूरोप |
2 | आयरलैंड (Ireland) | 1.260 | यूरोप |
3 | न्यूज़ीलैंड (New Zealand) | 1.282 | ओशिनिया |
4 | ऑस्ट्रिया (Austria) | 1.294 | यूरोप |
5 | स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) | 1.294 | यूरोप |
6 | सिंगापुर (Singapore) | 1.357 | एशिया |
7 | पुर्तगाल (Portugal) | 1.371 | यूरोप |
8 | डेनमार्क (Denmark) | 1.393 | यूरोप |
9 | स्लोवेनिया (Slovenia) | 1.409 | यूरोप |
10 | फिनलैंड (Finland) | 1.420 | यूरोप |
सबसे शांतिपूर्ण देश: आइसलैंड (Iceland)
आइसलैंड वर्ष 2008 से लगातार दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है।
इसकी प्रमुख वजहें हैं:
- अत्यंत कम अपराध दर
- स्थिर और पारदर्शी राजनीतिक व्यवस्था
- स्थायी सैन्य बलों की अनुपस्थिति
2025 में सबसे कम शांतिपूर्ण देश (Global Peace Index के अनुसार)
GPI रैंकिंग के निचले पायदान पर वे देश हैं जो गंभीर संघर्ष, युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं:
रैंक | देश | GPI स्कोर | क्षेत्र |
163 | रूस (Russia) | 3.441 | यूरेशिया |
162 | यूक्रेन (Ukraine) | 3.434 | यूरोप |
161 | सूडान (Sudan) | 3.323 | अफ्रीका |
160 | कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) | 3.292 | अफ्रीका |
159 | यमन (Yemen) | 3.262 | मध्य पूर्व |
सबसे कम शांतिपूर्ण देश: रूस
यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और आंतरिक राजनीतिक दमन के कारण रूस को 2025 के वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) में सबसे निचला स्थान (रैंक 163) प्राप्त हुआ है। इसके ठीक बाद यूक्रेन का स्थान है।
भारत का प्रदर्शन – वैश्विक शांति सूचकांक 2025 में
भारत ने 163 देशों में 115वां स्थान प्राप्त किया है, और इसका GPI स्कोर 2.229 है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 0.58% सुधार को दर्शाता है।
भारत की GPI रैंकिंग का वर्षवार विश्लेषण:
वर्ष | रैंक |
2025 | 115 |
2024 | 116 |
2023 | 126 |
2020 | 139 |
2019 | 141 |
सुधार के प्रमुख क्षेत्र:
- अपराध की धारणा में सुधार
- राजनीतिक स्थिरता में वृद्धि
- आतंकवाद से प्रभाव में कमी
हालाँकि, भारत अब भी आंतरिक अशांति, सीमा-पार तनाव, और सैन्यकरण जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है।
दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति
दक्षिण एशिया अब भी दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण क्षेत्र माना गया है, लेकिन भारत ने अपने कई पड़ोसी देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है:
देश | GPI रैंक |
भारत | 115 |
बांग्लादेश | 123 |
पाकिस्तान | 144 |
अफगानिस्तान | 158 |
क्षेत्रीय शांति विश्लेषण
पश्चिमी और मध्य यूरोप
यह अब भी दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है, लेकिन आतंकवाद की आशंकाओं, राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों, और आर्थिक दबावों के कारण धीरे-धीरे गिरावट देखी जा रही है।
मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका
लगातार दसवें वर्ष यह क्षेत्र सबसे कम शांतिपूर्ण रहा है। गृह युद्धों और राजनीतिक अस्थिरता ने इस क्षेत्र की स्थिति को गंभीर बना दिया है।
दक्षिण एशिया
2025 में सबसे बड़ी गिरावट दक्षिण एशिया में देखी गई, विशेष रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की स्थितियों के कारण।
एशिया-प्रशांत
मिश्रित परिणाम देखने को मिले:
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न्यूजीलैंड और सिंगापुर ने अपनी शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखी।
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लेकिन अन्य देशों ने भूराजनीतिक तनावों के चलते गिरावट दर्ज की।
उप-सहारा अफ्रीका
लंबे समय से चल रहे संघर्ष, विशेष रूप से सूडान और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में, अब भी क्षेत्र की शांति को बाधित कर रहे हैं।
दक्षिण अमेरिका
2025 में सुधार दिखाने वाला एकमात्र क्षेत्र।
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लोकतांत्रिक बदलाव और नीतिगत सुधार, विशेषकर पेरू जैसे देशों में, इस सुधार का कारण रहे।
उत्तर अमेरिका
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कुछ सुरक्षा संकेतकों में सुधार देखा गया,
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लेकिन गन वायलेंस (हथियारों से होने वाली हिंसा) और राजनीतिक ध्रुवीकरण अभी भी बड़ी चिंताएं बनी हुई हैं।
2024 में हिंसा की आर्थिक लागत
कुल लागत: $19.97 ट्रिलियन
वैश्विक GDP का हिस्सा: 11.6%
इन मदों में शामिल:
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युद्ध और सशस्त्र संघर्ष
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आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था
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पुलिसिंग और कानून व्यवस्था
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सैन्य खर्च