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गीता जयंती 2024: कब और कैसे मनाई जाती है?

गीता जयंती एक विशेष हिंदू पर्व है जो श्रीमद भगवद गीता की उत्पत्ति का उत्सव मनाता है। इसे “परम भगवान का गीत” भी कहा जाता है। यह पवित्र ग्रंथ भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के रणभूमि पर अर्जुन को बताया था, जो 5000 वर्ष से अधिक पुराना है।

गीता जयंती 2024 – तिथि और समय

2024 में, गीता जयंती बुधवार, 11 दिसंबर को पड़ रही है। यह मोक्षदा एकादशी के साथ मनाई जाएगी, जिसे आध्यात्मिक आशीर्वाद और पापों से मुक्ति दिलाने वाला दिन माना जाता है।

समय:

  • एकादशी प्रारंभ: 10 दिसंबर 2024, शाम 5:12 बजे
  • एकादशी समाप्त: 11 दिसंबर 2024, दोपहर 2:39 बजे

गीता जयंती 2024 का महत्व

श्रीमद भगवद गीता एक शाश्वत मार्गदर्शक है जो आध्यात्मिक ज्ञान और व्यावहारिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। इसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई है:

  • धर्म (कर्तव्य): जिम्मेदारी के साथ कार्य करना।
  • भक्ति: भगवान के प्रति प्रेम और विश्वास बनाना।
  • ज्ञान: जीवन और आत्मा को समझना।
  • कर्म: बिना आसक्ति के अच्छे कार्य करना।

गीता की ये शिक्षाएं लोगों को खुशी, आत्म-खोज और शांति के साथ जीवन जीने में मदद करती हैं।

गीता जयंती के उत्सव

गीता जयंती को भक्ति और सामुदायिक गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। इसे इस प्रकार मनाया जाता है:

  • भगवद गीता का पाठ: भक्त घरों या मंदिरों में इकट्ठा होकर पवित्र ग्रंथ का पाठ करते हैं।
  • व्रत: शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए व्रत रखा जाता है।
  • मंदिर दर्शन: विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।
  • भक्ति गीत: भगवान श्रीकृष्ण की प्रशंसा में भजन गाए जाते हैं।
  • गीता दान: श्रीमद भगवद गीता की प्रतियां वितरित की जाती हैं ताकि इसकी शिक्षाएं फैलाई जा सकें।
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