प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी 2025 को “मन की बात” के 118वें एपिसोड में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में वर्जिन नारियल तेल (Virgin Coconut Oil – VCO) के उत्पादन में शामिल महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रमुखता से उजागर किया। यह पहल जनजातीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और विपणन तथा ब्रांडिंग में विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से संचालित की जा रही है। निकोबार जिले के वर्जिन नारियल तेल को हाल ही में भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिलने को प्रधानमंत्री ने स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
मुख्य बिंदु
वर्जिन नारियल तेल के लिए GI टैग
- निकोबार जिले के वर्जिन नारियल तेल को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ।
- यह मान्यता इस उत्पाद को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्वयं सहायता समूहों का गठन
- वर्जिन नारियल तेल के उत्पादन में शामिल महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में संगठित किया जा रहा है।
- इन समूहों से महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी और उत्पादन प्रक्रिया में नेतृत्व भूमिका निभा सकेंगी।
विशेष प्रशिक्षण
- महिला SHGs को विपणन और ब्रांडिंग में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- यह प्रशिक्षण उन्हें अपने उत्पादों को प्रभावी और टिकाऊ तरीके से बढ़ावा देने में मदद करेगा।
जनजातीय समुदायों का आर्थिक सशक्तिकरण
- इस पहल का उद्देश्य जनजातीय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जिससे वे स्थानीय और वैश्विक बाजारों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले सकें।
वैश्विक पहचान और योगदान
- प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का वर्जिन नारियल तेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करेगा, जिसमें स्वयं सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पारंपरिक उत्पादन विधियां
- वर्जिन नारियल तेल पारंपरिक तरीकों से नारियल से बनाया जाता है। यह बिना परिष्कृत, बिना ब्लीच किया हुआ और रसायन व संरक्षक रहित होता है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता उच्च स्तर पर बनी रहती है।
“मन की बात” कार्यक्रम
- “मन की बात” एक मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
- इस एपिसोड में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके आर्थिक योगदान पर विशेष ध्यान दिया गया।
सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
समाचार में क्यों? | अंडमान के वर्जिन नारियल तेल को GI टैग प्राप्त हुआ। |
वर्जिन नारियल तेल के लिए GI टैग | निकोबार जिले के वर्जिन नारियल तेल को GI टैग मिला, जो इसकी वैश्विक पहचान सुनिश्चित करता है। |
स्वयं सहायता समूहों का गठन | वर्जिन नारियल तेल उत्पादन में शामिल महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया जा रहा है। |
विशेष प्रशिक्षण | SHGs को विपणन और ब्रांडिंग में प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे वर्जिन नारियल तेल को प्रभावी ढंग से बढ़ावा और बिक्री कर सकें। |
आर्थिक सशक्तिकरण | इस पहल का उद्देश्य जनजातीय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्थानीय तथा वैश्विक बाजारों में उनका योगदान बढ़ाना है। |
पारंपरिक उत्पादन विधियां | वर्जिन नारियल तेल पारंपरिक तरीकों से तैयार किया जाता है, जो इसे प्राकृतिक और उच्च गुणवत्ता वाला बनाता है। |
महिला SHGs की भूमिका | महिलाओं के स्वयं सहायता समूह वर्जिन नारियल तेल की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाएंगे और इसे वैश्विक पहचान दिलाएंगे। |
वैश्विक योगदान | प्रधानमंत्री मोदी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को इस पहल की सफलता के कारण वैश्विक पहचान दिलाने का विश्वास व्यक्त किया। |
“मन की बात” कार्यक्रम | “मन की बात” के 118वें एपिसोड में इस विषय पर चर्चा की गई, जिसमें SHGs के माध्यम से सशक्तिकरण और आर्थिक विकास पर जोर दिया गया। |