गुजरात ने घोल मछली (गोल्ड फिश) को स्टेट फिश के तौर पर चुना है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वर्ल्ड फिशरीज डे के मौके पर यह बड़ा ऐलान किया। अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में शुरू हुए पहले ग्लोबल फिशरीज कांफ्रेंस इंडिया 2023 में यह बड़ा ऐलान किया गया। सुनहरे भूरे रंग की घोल मछली का वैज्ञानिक नाम प्रोटोनिबिया डायकैंथस है।
घोल मछली को गोल्ड फिश भी कहा जाता है। इस मछली को सोने की दिल वाली मछली भी कहा जाता है। यह मछली गुजरात के तटों के अलावा महाराष्ट्र में भी पाई जाती है। भारत में पाई जाने वाली यह सबसे बड़ी मछली है। गुजरात की समुद्री सीमा काफी लंबी है। राज्य में समुद्री मछली उत्पादन में वृद्धि हुई है। वर्तमान में राज्य पांच हजार करोड़ से अधिक का निर्यात करता है, जो कुल निर्यात का 17 प्रतिशत है।
घोल मछली को उसके अपने गुण दूसरी मछलियों से अलग बनाते हैं। अपने औषधीय गुणों के कारण पूर्वी एशिया में इसे अत्यधिक सम्मान दिया जाता है। आयोडीन, ओमेगा-3, डीएचए, ईपीए, आयरन, टॉरिन, मैग्नीशियम, फ्लोराइड और सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर इस मछली को पोषण का पावरहाउस माना जाता है। जो चीज़ इसे ‘सी गोल्ड’ के रूप में अलग करती है। वह इसके पेट में मौजूद एक थैली है। जिसमें शक्तिशाली औषधीय गुण हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी काफी उच्च कीमत है। घोल मछली मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पाई जाती है, लेकिन घोल मछली अब विश्व स्तर पर सबसे महंगी समुद्री मछलियों में से एक है।
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…
भारत विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है।…
भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…