पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना ने LGBTQ के अधिकारों के पर कतरने वाला विवादास्पद बिल संसद से पारित करा लिया है। घाना की संसद के फैसले का दुनिया के कई एक्टिविस्ट ने विरोध किया है। इस फैसले के बाद घाना में LGBTQ समुदाय के खिलाफ भेदभाव गहराने की बात की जा रही है।
घाना के कट्टरपंथी और धार्मिक नेताओं ने एक गठबंधन बना इस बिल पर मुहर लगा दी। कानून ऐसे लोगों को सजा देने के लिए है जो किसी भी तरह के समलैंगिक संबंध में हैं। न सिर्फ इतना बल्कि समलैंगिक, लेस्बियन समेत LGBTQ के अधिकारों के लिए लड़ने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान है। यही प्रोविजन इस कानून को अपने आप में अलग बनाती है।
इस विधेयक को अफ्रीका का अपनी तरह का सबसे कठोर बिल कहा जा रहा है। ये विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन जाएगा। विधेयक के प्रावधानों की मानें तो एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों को छह महीने से तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है। साथ ही, समलैंगिक अधिकारों के प्रचार, समर्थन करने पर भी तीन से पांच साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है।
54 अफ्रीकी देशों में से 31 में समलैंगिकता को अपराध मानने के साथ, घाना के विधेयक का पारित होना एलजीबीटीक्यू अधिकारों के लिए एक महाद्वीप-व्यापी चुनौती को रेखांकित करता है। विधेयक की मंजूरी एलजीबीटीक्यू समानता के लिए चल रहे संघर्ष और दुनिया के कई हिस्सों में भेदभावपूर्ण कानूनों की निरंतरता को उजागर करती है।
अक्रा घाना की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है।
छत्तीसगढ़ में स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की एक प्रमुख इकाई, भिलाई स्टील…
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने ड्रोन दीदी योजना के तहत दो पायलट परियोजनाओं…
दुबई ने ई-गेमिंग उद्योग में कुशल व्यक्तियों और अग्रदूतों को व्यापक सहायता प्रदान करने के…
रूस ने ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तेल और गैस भंडार की खोज…
भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह के संचालन को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण…
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 25 मई को विश्व फुटबॉल दिवस के रूप में…