भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सौर परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू के साथ 150 मिलियन यूरो (1,240 करोड़ रुपये) के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किया हैं। केएफडब्ल्यू विकास बैंक की स्थापना 1948 में जर्मन सरकार द्वारा की गई थी। भारत-जर्मनी सौर साझेदारी के तहत दीर्घकालिक ऋण, सौर क्षेत्र में नई और आगामी क्षमताओं की सुविधा प्रदान करेगा।
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साल 2015 में, भारत और जर्मनी सरकार ने तकनीकी के साथ-साथ वित्तीय सहयोग के माध्यम से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत जर्मनी केएफडब्ल्यू के माध्यम से भारत को 1 बिलियन यूरो तक की रियायती ऋण प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की थी। यह उन 19 यूरोपीय देशों को संदर्भित करता है जिन्होंने अपनी राष्ट्रीय मुद्रा को समाप्त कर दिया है और यूरो को अपनी सामान्य मुद्रा के रूप में अपनाया है।
यूरो एक सामान्य मौद्रिक इकाई के रूप में 1 जनवरी 1999 को लागू किया गया था। यूरोजोन के सदस्य देश: बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और फिनलैंड, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया लिथुआनिया हैं।