जीनोमइंडिया प्रोजेक्ट (GenomeIndia Project), जो जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा संचालित है, ने भारत में 10,000 से अधिक व्यक्तियों का Whole Genome Sequencing (WGS) सफलतापूर्वक पूरा कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह राष्ट्रीय डेटा अब भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) में संग्रहित है और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत भारतीय शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध करा दिया गया है।
30 अप्रैल 2025 को भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि GenomeIndia डेटा अब भारतीय शोधकर्ताओं के लिए सुलभ है। इससे पहले 9 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Genomics Data Conclave में इस डेटा को राष्ट्र को समर्पित किया था।
भारत की जनसंख्या विविधता को दर्शाने वाला एक राष्ट्रीय आनुवंशिक डेटाबेस तैयार करना।
भारतीय शोधकर्ताओं के लिए जीनोमिक डेटा की पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना।
जीनोमिक्स और स्वास्थ्य में ट्रांसलेशनल रिसर्च को प्रोत्साहित करना।
Precision Medicine और स्वास्थ्य नीति निर्माण में प्रगति करना।
डेटा-संचालित विज्ञान के माध्यम से रोग, जैविकी और वंश पर महत्वपूर्ण खोज करना।
एशिया के सबसे बड़े Whole Genome डेटाबेस में से एक।
भारत-विशिष्ट बीमारियों, दवाओं की प्रतिक्रिया और वंश अध्ययन के लिए अत्यंत उपयोगी।
भारत की वैज्ञानिक क्षमता, हेल्थकेयर R&D और वैश्विक जीनोमिक प्रतिष्ठा को मजबूत करता है।
SDG 3 (स्वास्थ्य एवं कल्याण) और SDG 9 (उद्योग, नवाचार और आधारभूत ढांचा) जैसे सतत विकास लक्ष्यों को समर्थन।
IBDC की स्थापना मार्च 2020 में उन्नत कम्प्यूटिंग संरचना के साथ की गई थी।
Biotech-PRIDE Guidelines (2021) और FeED Protocols पारदर्शी और नैतिक डेटा साझाकरण के लिए बनाए गए।
9772 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण पूर्ण; 9330 नमूनों का फीनोटाइपिक डेटा शुद्ध किया गया।
वित्त पोषक संस्था: जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), भारत सरकार
डेटासेट में शामिल हैं:
FASTQ फाइलें – 700 टेराबाइट
gVCF फाइलें – 35 टेराबाइट
9330 व्यक्तियों का फीनोटाइपिक डेटा
27 प्रमुख फीनोटाइप चर (जैसे – हीमोग्लोबिन, कोलेस्ट्रॉल, फास्टिंग ग्लूकोज)
शारीरिक मापदंड (उम्र, लिंग, ऊंचाई, वजन, बॉडी फैट आदि)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2025 को डेटा राष्ट्र को समर्पित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इसके राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया।
शोधकर्ता “Call for Proposals” के अलावा भी आवेदन कर सकते हैं।
FASTQ फाइलें डाउनलोड नहीं की जा सकतीं, लेकिन क्लाउड इंटरफेस के माध्यम से एक्सेस दी जाती है (सुरक्षा और आकार की वजह से)।
यह मॉडल अंतरराष्ट्रीय डेटा साझाकरण प्रथाओं के अनुरूप है।
| सारांश / स्थायी जानकारी | विवरण |
| क्यों है चर्चा में? | GenomeIndia डेटा शोधकर्ताओं के लिए खोला गया |
| उद्देश्य | राष्ट्रीय स्तर पर जीनोमिक डेटा भंडार बनाना |
| लक्ष्य | अनुसंधान, नवाचार और व्यक्तिगत चिकित्सा को सक्षम बनाना |
| महत्त्व | राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक आधारभूत ढांचा; स्वास्थ्य R&D को समर्थन |
| प्रमुख तिथि | प्रधानमंत्री मोदी ने 9 जनवरी 2025 को डेटा राष्ट्र को समर्पित किया |
| प्रमुख भागीदार | जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC), प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), शोधकर्ता, स्वास्थ्य और जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र |
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