आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल के प्रमुख विनिर्माण साझेदार फॉक्सकॉन ने दक्षिण एशियाई बाजार में राजस्व बढ़ाने के बाद भारत में 1.54 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। फॉक्सकॉन ने ताइवान में शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि इस निवेश से उसे परिचालन जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस निवेश का एलान ताइवान की कंपनी की ओर से अगले साल तक भारत में अपने कार्यबल और निवेश को दोगुना करने की योजना सार्वजनिक करने दो महीने बाद हुआ है।
फॉक्सकॉन एपल सहित कई नामी-गिरामी तकनीकी दिग्गज कंपनियों के साथ विनिर्माण का काम करती है। कंपनी भारत में संयंत्रों को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है क्योंकिं कई तकनीकी दिग्गज अपने विनिर्माण एक हिस्सा भारत में स्थानांतरित करना चाहते हैं। जानकार इसे चाइना प्लस वन नीति का हिस्सा मानते हैं।
कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वह तेलंगाना में अपनी विनिर्माण सुविधा में अतिरिक्त 3,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे राज्य में कंपनी का कुल निवेश 4,550 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। सितंबर में, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार देश में अपनी विनिर्माण क्षमता को दोगुना करने की ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज फॉक्सकॉन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का समर्थन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
फॉक्सकॉन, जो वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी ईएमएस (इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग सर्विसेज) प्रदाता कंपनी है। कंपनी ने चीन में 2001 से 2017 के दौरान चीन में बड़े पैमाने पर निवेश किया हालांकि अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने के बाद 2018 से इसमें नरमी आई है।
कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में चल रही परियोजनाओं के साथ, फॉक्सकॉन भारतीय परिदृश्य के लिए कोई अजनबी नहीं है। ये उद्यम चीन से परे अपने विनिर्माण पदचिह्न में विविधता लाने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा हैं, जहां 2022 में कोविड -19 लॉकडाउन से इसका परिचालन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था। एक रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन के तमिलनाडु प्लांट में अभी 40,000 लोग काम करते हैं। फॉक्सकॉन भारत में 4-5 सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग इकाई स्थापित करना चाहती है। फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ जॉइंट वेंचर तोड़ने के एक दिन बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय को इसके बारे में जानकारी दी थी।
Find More News on Economy Here
फॉक्सकॉन का लक्ष्य चीन से परे अपने परिचालन में विविधता लाना और बढ़ते भारतीय तकनीकी बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना, परिचालन आवश्यकताओं को संबोधित करना और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से जुड़े जोखिमों को कम करना है।
छत्तीसगढ़ में स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की एक प्रमुख इकाई, भिलाई स्टील…
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने ड्रोन दीदी योजना के तहत दो पायलट परियोजनाओं…
दुबई ने ई-गेमिंग उद्योग में कुशल व्यक्तियों और अग्रदूतों को व्यापक सहायता प्रदान करने के…
रूस ने ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तेल और गैस भंडार की खोज…
भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह के संचालन को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण…
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 25 मई को विश्व फुटबॉल दिवस के रूप में…