पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नवीन चावला का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान उनके नेतृत्व और चुनावी सुधारों में उनके महत्वपूर्ण योगदान ने भारत की चुनावी प्रक्रिया पर गहरी छाप छोड़ी। एक अनुभवी सिविल सेवक के रूप में, उन्होंने चुनाव आयुक्त और बाद में मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कई अहम भूमिकाएँ निभाईं। उनके कार्यकाल को महत्वपूर्ण सुधारों और कुछ विवादों के लिए जाना जाता है।
प्रमुख बिंदु
निधन की तिथि: 3 फरवरी 2025, दिल्ली में हृदयगति रुकने के कारण (सर्जरी के बाद)
सेवा अवधि
- चुनाव आयोग में नियुक्ति: 16 मई 2005 को चुनाव आयुक्त बने।
- मुख्य चुनाव आयुक्त: 20 अप्रैल 2009 से 29 जुलाई 2010 तक कार्यभार संभाला।
मुख्य योगदान
2009 लोकसभा चुनाव
- सफलतापूर्वक 2009 के आम चुनावों का संचालन किया।
चुनावी सुधार
- थर्ड जेंडर (तीसरे लिंग) के मतदाताओं को “अन्य” श्रेणी में वोट देने की सुविधा देकर समावेशन को बढ़ावा दिया।
- चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया में संवैधानिक सुधारों की वकालत की, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को समान दर्जा देने का प्रस्ताव रखा।
श्रद्धांजलि और संवेदनाएँ
- एस.वाई. कुरैशी (पूर्व CEC): उनकी हास्य प्रवृत्ति, सहयोगी स्वभाव और पेशेवर कार्यशैली को याद किया, भले ही उन पर पक्षपात के आरोप लगे थे।
- चुनाव आयोग का बयान: उनके नेतृत्व और चुनावी प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता को सराहा।
- ओ.पी. रावत (पूर्व CEC): चुनाव आयोग के कार्यों पर चावला के गर्व और उनकी सौम्य शैली की प्रशंसा की।
विवाद
- 2009 में पक्षपात के आरोप लगे, जिसके चलते भाजपा ने याचिका दायर की और CEC एन. गोपालस्वामी ने उनके हटाने की सिफारिश की, हालांकि इसका उनके कार्यकाल पर प्रभाव नहीं पड़ा।
- 2006 में एनडीए नेताओं ने राष्ट्रपति के पास याचिका दायर कर उनके हटाने की माँग की।
व्यक्तिगत रुचि
- मदर टेरेसा से प्रभावित थे और उनकी अधिकृत जीवनी लिखी।
सारांश/स्थिर | विवरण |
क्यों चर्चा में हैं? | पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला का निधन |
सेवा काल | चुनाव आयुक्त: 16 मई 2005 – 20 अप्रैल 2009; मुख्य चुनाव आयुक्त: 20 अप्रैल 2009 – 29 जुलाई 2010 |
मुख्य योगदान | – 2009 के लोकसभा चुनावों का संचालन – तृतीय लिंग (थर्ड-जेंडर) मतदाताओं के लिए चुनावी सुधार – चुनाव आयुक्तों के लिए संवैधानिक सुधारों की वकालत |
विवाद | – 2009 में पक्षपात के आरोप – 2006 में भाजपा और एनडीए नेताओं द्वारा हटाने की याचिका |
श्रद्धांजलि | एस.वाई. कुरैशी और ओ.पी. रावत ने उनके हास्य और सहयोगी स्वभाव की सराहना की |
निजी रुचि | मदर टेरेसा की जीवनी के लेखक |