केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने COVID-19 महामारी के बीच आज प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत आर्थिक राहत पैकेज के दूसरे चरण की विस्तार से जानकारी साझा की है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मुख्य उद्देश्य से की गई यह दूसरी घोषणा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ही हिस्सा है।
वित्त मंत्री ने नई दिल्ली में अपने संबोधन के दौरान, बताया कि “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के लिए आर्थिक राहत पैकेज के दूसरे चरण से प्रवासी मजदूरों, फेरी लगाने वालों, जनजातीय लोगों, छोटे व्यापारियों, छोटे किसानों और आवास निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को फायदा मिलेगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए, उन्होंने बताया कि दूसरी चरण में उठाये जाने वाले महतवपूर्ण 9 कदमों में – 3 प्रवासी श्रमिकों से संबंधित, एक शिशु मुद्रा ऋण से संबंधित, एक फेरी लगाने वालों से संबंधित, एक आवास निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों से संबंधित, एक जनजातीय लोगों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन से संबंधित जबकि 2 छोटे किसानों से संबंधित उपाय शामिल हैं।
“आत्मनिर्भर भारत अभियान” के लिए आर्थिक राहत पैकेज के दूसरी चरण के तहत उठाये जाने वाले 9 कदमों की मुख्य विशेषताएं:-
प्रवासी मजदूरो के लिए उठाए जाने वाले कदम:
1. प्रवासी मजदूरों को 2 महीने तक मुफ्त अनाज की आपूर्ति
- ऐसे प्रवासियों जो न तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आते हैं और न ही किसी राज्य के कार्ड धारक हैं, उन्हें दो महीनों तक प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम गेंहू या चावल और एक किलोग्राम चना प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिया जाएगा. इस कदम से अगले दो महीने के दौरान 8 करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूरों को लाभ मिलने की संभावना है.
- इस कदम से लगभग 3500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसे भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वहन किया जाएगा.
- राज्य सरकारे प्रवासियों की पहचान के साथ-साथ खाद्य वितरण के कार्यान्वयन लिए भी जिम्मेदार होंगी.
2. केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों को लाभ पहुँचाने के लिए राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी ऑफ कार्ड्स यानि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना लेकर आई है.
- वित्त मंत्री ने एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे प्रवासी मजदूर देश में किसी भी स्थान पर राशन ले सकेंगे.
- इस योजना से अगस्त, 2020 तक लगभग 67 करोड़ लाभार्थियों को यानी पीडीएस की 83% आबादी को लाभ मिलनेने की उम्मीद है। साथ ही इससे सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में मार्च 2021 तक 100% यानी पूर्ण एफपीएस स्वचालन पूरा कर लिया जाएगा.
3. प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए किफायती किराये आवास परिसरों की योजना
भारत सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को किफायती किराये पर मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत एक योजना शुरू करने जा रही है।
- शहरों में सरकारी वित्त पोषित मकानों को रियायती माध्यम से पीपीपी मोड के तहत सस्ते किराए के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) में परिवर्तित करके किया जाएगा.
- विनिर्माण इकाइयां, उद्योग, संस्थाएं अपनी निजी भूमि पर सस्ते किराए के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) को विकसित करेंगे और उन्हें संचालित करेंगे.
- इसी तर्ज पर सस्ते किराये के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) को विकसित करने और संचालित करने के लिए राज्य सरकार की एजेंसियों / केंद्र सरकार के संगठनों को प्रेरित किया जाएगा.
4. शिशु मुद्रा ऋण:
इसे बैंक से छोटे लोन लेने वालों को लाभान्वित करने के लिए लॉन्च किया जाएगा। मुद्रा शिशु ऋण के तहत, कोई व्यक्ति केवल 50,000 रुपये तक का ऋण ही ले सकता है। इससे पहले आरबीआई ने इस ऋण योजना के लिए 3 महीने की मोहलत दी हुई है।
- सरकार मुद्रा शिशु ऋण लेने वालों में शीघ्र भुगतान करने वालों को 12 महीने की अवधि के लिए 2 फीसदी का ब्याज उपदान प्रदान करेगी
- शिशु मुद्रा ऋण लेने वालों को इसमें लगभग 1,500 करोड़ रुपये की राहत दी जाएगी.
5. स्ट्रीट वेंडरों के लिए ऋण सुविधा:
स्ट्रीट वेंडरों पर मौजूदा स्थिति में सबसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, उनको ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा देने के लिए एक महीने के भीतर एक विशेष योजना शुरू की जाएगी ताकि उन्हें अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने में सक्षम बनाया जा सके, इस योजना से 50 लाख स्ट्रीट वेंडर लाभान्वित होंगे और उन तक 5,000 करोड़ रुपये का ऋण पहुँचने की संभावना की जताई गई है.
- इस योजना के तहत प्रत्येक स्ट्रीट वेंडर के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक कार्यशील पूंजी की बैंक ऋण सुविधा दी जाएगी.
- डिजिटल भुगतान स्वीकार कने वाले वेंडरों को कैश पुरस्कारों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा.
- समय पर पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.
6. हाउसिंग:
- सरकार ने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को मध्यम आय समूह के लिए (6 से 18 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय) मार्च 2021 तक बढ़ाया जाएगा। जिसे मई 2017 में चालू किया गया था और जिसे 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दिया गया था। इसे 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया जाएगा, जिससे 2020-21 के दौरान 2.5 लाख मध्यम आय वाले परिवारों को लाभ होगा.
- इस विस्तार से आवास क्षेत्र में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इस्पात, सीमेंट, परिवहन व अन्य निर्माण सामग्री की मांग को प्रोत्साहित करेगा.
7. रोजगार सृजन के लिए:
- CAMPA फंड्स यानी Compensatory Afforestation Management & Planning Authority, जिसे Compensatory Afforestation Fund Act 2016 के तहत स्थापित किया गया था, का उपयोग करके रोजगार सृजन के लिए 6000 करोड़ रुपये की योजनाओं को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी.
- इन फंडों का उपयोग राज्य सरकारों द्वारा शहरी क्षेत्रों सहित वनीकरण एवं वृक्षारोपण कार्यों, कृत्रिम पुनरुत्पादन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक पुनरुत्पादन, वन प्रबंधन, मृदा एवं आर्द्रता संरक्षण कार्यों, वन सरंक्षण, वन एवं वन्यजीव संबंधी बुनियादी सुविधाओं के विकास, वन्यजीव संरक्षण एवं प्रबंधन आदि के लिए किया जाएगा.
इस तरह शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में और जनजातीय (आदिवासियों) के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
8. किसानों के लिए:
- भारत सरकार ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank) की फसल ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास (नाबार्ड) के माध्यम से किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी प्रदान करेगी.
- नाबार्ड द्वारा 2020 पुनर्वित्त फ्रंट-लोडेड (असमान रूप से आवंटित) और मांग के अनुसार 30,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त पुनर्वित्तीयन सहायता प्रदान की जाएगी. यह 90,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त राशि है, जो सामान्यत: इस क्षेत्र को नाबार्ड द्वारा प्रदान की जाएगी
- 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मई/जून के महीने में रबी की फसल कटाई के बाद और खरीफ की मौजूदा आवश्यकता को पूरा करने के लिए तुरंत दिए जाएंगे.
- इससे लगभग 3 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होने की उम्मीद है.
- इस तुरंत ऋण सुविधा का लाभ उठाने के लिए 33 राज्य सहकारी बैंक, 351 जिला सहकारी बैंक और 43 आरआरबी आगे आए हैं.
9. किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये रियायती ऋण प्रदान किए जाएंगे.
- किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पीएम-किसन लाभार्थियों को रियायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में मछुआरे और पशुपालक किसान भी शामिल किए जाएंगे.
- इससे कृषि क्षेत्र में 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी, जिसके तहत 2.5 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा.