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जुलाई के अंत में राजकोषीय घाटा बजट का 92.4% अनुमानित


जुलाई के अंत में भारत के राजकोषीय घाटा मुख्य रूप से विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा किये गए व्यय के कारण बजट का 92.4% तक हो गया है. महालेखा-नियंत्रक(CGA) की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्ण रूप से, राजकोषीय घाटा – व्यय और राजस्व में अंतर – अप्रैल-जुलाई 2017-18 के दौरान 5.04 लाख करोड़ रुपये था.

पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान, 2016-17 में, यह लक्ष्य का 73.7% था. 2017-18 के लिए, सरकार का लक्ष्य है कि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.2% तक ले जाना है. पिछले वित्त वर्ष में, जीडीपी के 3.5%  घाटे के लक्ष्य को पूरा किया था.

उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य:
  • सीजीए, व्यय विभाग में, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख लेखा सलाहकार है और तकनीकी रूप से  लेखा प्रणाली प्रबंधन की स्थापना और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है.
  • एंथोनी ल्याजुआला वित्त मंत्रालय के तहत नियंत्रक महालेखा (सीजीए) है.

स्त्रोत- द हिन्दू
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