इसरो ने अपने कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज (CROPS) का उपयोग करके अंतरिक्ष में ब्लैक-आइड मटर (लोबिया) के बीजों को सफलतापूर्वक अंकुरित किया है। यह उपलब्धि लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों पर टिकाऊ खाद्य स्रोतों को उगाने की क्षमता को दर्शाती है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज (CROPS) पर ब्लैक-आइड मटर (लोबिया) के बीजों को सफलतापूर्वक अंकुरित करके अंतरिक्ष कृषि में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह सफलता लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों के लिए टिकाऊ खाद्य स्रोतों की खेती की क्षमता को रेखांकित करती है, जो अंतरिक्ष में लंबी अवधि के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की पोषण संबंधी और मनोवैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
| सारांश/स्थैतिक | विवरण |
| चर्चा में क्यों? | इसरो द्वारा अंतरिक्ष में पहली बार काली आंखों वाली मटर का अंकुरण |
| मिशन का नाम | क्रॉप्स (कक्षीय पादप अध्ययन के लिए कॉम्पैक्ट अनुसंधान मॉड्यूल) |
| उद्देश्य | दीर्घकालिक मिशनों के लिए अंतरिक्ष में टिकाऊ पौधों की वृद्धि |
| मुख्य चुनौती | सूक्ष्मगुरुत्व, विकिरण, तापमान में उतार-चढ़ाव और सीमित सूर्यप्रकाश |
| खेती के तरीके | हाइड्रोपोनिक्स, एरोपोनिक्स, मृदा-सदृश मीडिया |
| तकनीकी सुविधाओं | मिनी ग्रीनहाउस, छिद्रयुक्त मिट्टी के छर्रे, नियंत्रित वातावरण और एल.ई.डी. |
| परिणाम | काली आंखों वाले मटर के बीज अंकुरित हुए; अंकुरण और पत्ती की वृद्धि देखी गई |
| आदर्श पौधे | सलाद, पालक, सेम, मटर, मूली, गेहूं, चावल |
| भविष्य पर ध्यान | लम्बा विकास चक्र, जीवन समर्थन प्रणालियों में एकीकरण |
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