
श्रृंखला का पहला बजरा LSAM 15 भारतीय नौसेना को सौंपा गया
- मेसर्स सूर्यदिप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के साथ गोला-बारूद सह टॉरपीडो कम मिसाइल (एसीटीसीएम) बार्ज के निर्माण के लिए अनुबंध के तहत, एक एमएसएमई, फर्स्ट बार्ज श्रृंखला
- एलएसएएम 15 (यार्ड 125) भारतीय नौसेना को सौंप दी गई है।
- यह सौदा भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्थापित किया गया था।
- कुल ग्यारह ऐसे बार्ज निर्माणाधीन हैं जो तैयार होने पर भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे।
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महत्व
- बार्ज को भारतीय जहाजरानी रजिस्टर (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के तहत बनाया गया है और इसका सेवा जीवन 30 वर्ष है।
- स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी प्रमुख/सहायक उपकरणों के साथ, बार्ज रक्षा मंत्रालय की “मेक इन इंडिया” पहल का ध्वजवाहक है।
रोल
(गोला-बारूद सह टारपीडो सह मिसाइल) एसीटीसीएम बार्ज को शामिल करने से भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति मिलेगी, जिससे भारतीय नौसेना के जहाजों को जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर वस्तुओं/गोला-बारूद के परिवहन, आरोहण और उतरने की सुविधा मिलेगी।



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