फेडरल बैंक ने भाशिनी, एक AI-प्रेरित भाषा अनुवाद प्लेटफ़ॉर्म, के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि इसके AI चैटबॉट फेडी में स्थानीय भाषाओं का समर्थन शामिल किया जा सके। यह सहयोग आरबीआई इनोवेशन हब (RBIH) की स्थानीय भाषा बैंकिंग के लिए पहल से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य भारत में बैंकिंग सेवाओं को अधिक समावेशी और सुलभ बनाना है। इस सुधार के तहत, फेडी अब 14 भारतीय भाषाओं में उपयोगकर्ताओं की सहायता कर सकेगा, जिसमें हिंदी, बंगाली, तमिल और मराठी शामिल हैं। यह कदम वित्तीय सेवाओं में भाषा की बाधाओं को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
फेडरल बैंक और भाशिनी के बीच यह साझेदारी फेडी की क्षमताओं को बढ़ाती है, जिससे यह कई भारतीय भाषाओं में प्रश्नों को संभालने में सक्षम हो जाता है, जो ग्राहकों के अनुभव में सुधार लाने की उम्मीद है। फेडरल बैंक की कार्यकारी निदेशक, शलिनी वारियर ने इस पहल के महत्व पर जोर दिया, जिसमें भारत की विविध भाषाई परिदृश्य को सेवा देने की आवश्यकता को बताया।
भाशिनी, अपनी वॉयस-फर्स्ट बहुभाषीय तकनीक के माध्यम से, यह सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्ता फेडी के साथ अपनी पसंदीदा भाषा में बातचीत कर सकें। भाशिनी के CEO, अमिताभ नाग ने कहा कि AI-प्रेरित समाधानों का उपयोग करके फिनटेक में समावेशिता को बढ़ावा देने का उनका लक्ष्य है।
आरबीआईएच के CEO, राजेश बंसल ने डिजिटल वित्तीय समावेशन के महत्व को उजागर किया, यह कहते हुए कि स्थानीय भाषा बैंकिंग भारत में डिजिटल क्रांति के व्यापक पहुंच को सुनिश्चित करने की कुंजी है। यह पहल आरबीआईएच के मिशन के अनुरूप है, जो नवाचार को बढ़ावा देने वाले सहयोग का समर्थन करता है।
अब फेडी 14 भाषाओं में उत्तर देने में सक्षम होने के साथ, ग्राहकों को विशेष रूप से अपनी मातृ भाषाओं में बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचने में अधिक आसानी होगी, जो वित्तीय सेवाओं की सुलभता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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