हर साल 10 जुलाई को, भारत में राष्ट्रीय मछली किसान दिवस मनाया जाता है ताकि मछली किसानों, मछुआरों और मछली पालन से जुड़े अन्य हितधारकों के काम को सम्मान और समर्थन दिया जा सके। यह दिन उनके प्रयासों को पहचानने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो एक सतत और सफल मत्स्य पालन उद्योग को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
10 जुलाई 1957 के दिन प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. अलीकुन्ही ने ओडिशा के अंगुल में प्रमुख कार्प्स के सफल प्रेरित प्रजनन में कार्प पिट्यूटरी हार्मोन को निकालने में सफलता हासिल की थी। ऐसा देश में पहली बार किसी ने किया था। 10 जुलाई, 1957 को दोनों वैज्ञानकों ने हाइपोफिजेशन का प्रदर्शन किया था, जो भारतीय मेजर कार्प्स में प्रजनन को प्रेरित करने की एक तकनीक है। इनके इसी योगदान को रेखांकित करने के लिए हर साल भारत में 10 जुलाई को मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है।
इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए, भारत सरकार का मत्स्य विभाग, 12 जुलाई, 2024 को तमिलनाडु के मदुरै में आईडीए स्क्रूडर ट्रेड सेंटर में ‘फिशरीज समर मीट 2024’ का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन मत्स्य पालन क्षेत्र और उसके हितधारकों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इस आयोजन की अध्यक्षता केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह करेंगे। अन्य प्रमुख उपस्थितियों में शामिल हैं:
मछली किसान मछली प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने, रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों को अपनाने, मछली उत्पादकता में सुधार करने और जलीय संसाधनों के संरक्षण के प्रति उनकी समर्पण सराहनीय है।
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