अफ्रीकी देश नाइजर में सेना ने तख्तापलट (Niger Coup) कर राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया है। राष्ट्रपति गार्ड के कमांडर जनरल अब्दुर्रहमान तियानी ने खुद को देश का नेता घोषित कर दिया है। इस तख्तापलट की कई देशों ने निंदा की है जिसमें पश्चिम अफ्रीकी राज्यों का आर्थिक समुदाय (ECOWAS) भी शामिल था।
नाइजर में तख्तापलट के नेताओं ने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने का विकल्प चुनते हुए, अपदस्थ राष्ट्रपति को बहाल करने के ECOWAS के अल्टीमेटम का पालन करने से इनकार कर दिया है।
ECOWAS ने संभावित सैन्य हस्तक्षेप के लिए मंच तैयार करते हुए जुंटा को एक निर्दिष्ट समय सीमा तक पद छोड़ने का निर्देश दिया था। बढ़ते संकट के जवाब में, ECOWAS स्थिति से निपटने के लिए एक असाधारण शिखर सम्मेलन बुला रहा है।
बता दें कि ECOWAS के प्रतिबंधों के कारण नाइजर की 2.5 करोड़ से ज्यादा की आबादी अंधेरे में गुजर बसर कर रही है। दरअसल, नाइजर की 90 प्रतिशत बिजली आपूर्ति पड़ोसी देश नाइजीरिया से मिलती है, जिसे ECOWAS की ओर से घोषित प्रतिबंधों के तहत अब रोक दिया गया है।
एक सार्वजनिक बयान में, जुंटा के एक प्रतिनिधि ने नाइजर की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने देश के युवाओं से इस मुद्दे के पीछे एकजुट होने का भी आह्वान किया, जिसे छात्रों का समर्थन मिला है।
नाइजीरिया के पूर्ण समर्थन के बिना इकोवास के लिए सैन्य हस्तक्षेप करना मुश्किल होगा। राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विद्वान के रूप में मैंने नाइजर में विदेशी सैन्य अड्डों के निहितार्थ पर शोध किया है। मैंने पहले भी इस क्षेत्र में इकोवास और बहुराष्ट्रीय संयुक्त कार्यबल जैसे क्षेत्रीय संगठनों में नाइजीरिया की भूमिका का विश्लेषण किया है।
ECOWAS ने अपने अल्टीमेटम में यह भी कहा था कि यदि 26 जुलाई को सत्ता पर कब्ज़ा करने वाली जुंटा अगर इसका अनुपालन नहीं करती है, तो उसे विदेशी सैन्य हस्तक्षेप का सामना करना पड़ सकता है। ECOWAS द्वारा दिए गए समय सीमा समाप्त होने के बाद नाइजर में इसे लेकर तनाव बढ़ गया है।
नाइजर दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। इसकी 80 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है। करीब 2.5 करोड़ की आबादी वाले नाइजर की 20 फीसदी जनता बेहद गरीबी में जीवन-यापन कर रही है। लेकिन नाइजर की धरती काई सारे प्राकृितक संसाधनों से भरपूर है और खास तौर से नाइजर में यूरेनियम का बड़ा भंडार मौजूद है। क्लीन एनर्जी के लिए यूरेनियम फ्रांस समेत पूरे यूरोप की बड़ी जरूरत है। नाइजर दुनिया में यूरेनियम का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक देश है। साल 2019 में इसने ढाई हजार टन के करीब यूरेनियम का निर्यात किया था। यूरोपीय यूनियन ने साल 2022 में अपनी जरूरत का 25 फीसदी यूरोनियम नाइजर से ही खरीदा था। इसके अतिरिक्त नाइजर में सोना, चांदी, कोयला, चूना पत्थर, नमक, टिन सीमेंट और जिप्सम के बड़े भंडार मौजूद हैें।
ECOWAS ग्रुप में बेनिन, बुर्किना फासो, काबो वर्डे, कोटे डी आइवर, गाम्बिया, घाना, गिनी, गिनी बिसाऊ, लाइबेरिया, माली, नाइजर, नाइजीरिया, सिएरा लियोन, सेनेगल और टोगो जैसे देश शामिल हैं। इकोवास की अध्यक्षता नाइजीरिया के पास है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
8 जनवरी को मनाया जाने वाला पृथ्वी का घूर्णन दिवस (Earth’s Rotation Day), 1851 में…
न्यूजीलैंड के शानदार ओपनर मार्टिन गप्टिल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आधिकारिक तौर पर संन्यास ले…
इंडोनेशिया अब आधिकारिक रूप से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स (BRICS) का पूर्ण सदस्य (11वां)…
त्रिपुरा में बैंडेड रॉयल तितली (Rachana jalindra indra) की हाल ही में खोज ने राज्य…
माइक्रोसॉफ्ट, जो सत्या नडेला के नेतृत्व में है, ने भारतीय सरकार और विभिन्न क्षेत्रों की…
आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का नौवां संस्करण है, जिसमें आठ टीमें राउंड-रॉबिन…