रोहन मिर्चंदानी, लोकप्रिय ब्रांड एपिगेमिया के सह-संस्थापक, का 42 वर्ष की आयु में दुखद निधन हो गया। अपनी उद्यमशीलता और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध, रोहन ने एपिगेमिया को एक घरेलू नाम में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके असामयिक निधन से व्यावसायिक समुदाय और उनके प्रशंसक गहरे शोक में हैं।
रोहन मिर्चंदानी के बारे में
- एपिगेमिया के सह-संस्थापक, जो भारत के प्रमुख योगर्ट ब्रांडों में से एक है।
- भारतीय बाजार में ग्रीक योगर्ट को पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- स्वस्थ भोजन को सुलभ और आधुनिक बनाने के अपने अभिनव दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे।
एपिगेमिया में योगदान
- 2015 में स्थापित, एपिगेमिया स्वास्थ्य-केंद्रित प्रीमियम डेयरी उत्पादों का पर्याय बन गया।
- ब्रांड के पोर्टफोलियो का विस्तार कर लैक्टोज-फ्री उत्पाद, प्लांट-बेस्ड योगर्ट और स्मूदीज़ शामिल किए।
- वैश्विक और स्थानीय निवेशकों के साथ साझेदारी कर पूरे देश में व्यवसाय को बढ़ाने के लिए धन जुटाया।
विरासत और प्रभाव
- रोहन के नेतृत्व ने एपिगेमिया को भारत के स्वास्थ्य और कल्याण खाद्य क्षेत्र में सबसे आगे पहुंचाया।
- अपनी यात्रा के माध्यम से नए उद्यमियों को ब्रांड बनाने के लिए प्रेरित किया।
- उनके करिश्माई व्यक्तित्व और बेहतर पोषण को बढ़ावा देने के समर्पण के लिए याद किया जाएगा।
शोक संवेदनाएं और श्रद्धांजलि
- व्यवसायिक समुदाय, सहयोगियों और दोस्तों से श्रद्धांजलियां आईं।
- कई लोगों ने भारत के डेयरी उद्योग में उनके योगदान की सराहना की।
सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | एपिगेमिया के सह-संस्थापक रोहन मिर्चंदानी का 42 वर्ष की आयु में निधन |
भूमिका | एपिगेमिया के सह-संस्थापक |
एपिगेमिया की स्थापना | 2015 में |
मुख्य उपलब्धियां | भारत में ग्रीक योगर्ट की शुरुआत की |
लैक्टोज-फ्री और प्लांट-बेस्ड उत्पादों में विस्तार किया | |
व्यवसायिक विरासत | एपिगेमिया को भारत में अग्रणी स्वास्थ्य-केंद्रित खाद्य ब्रांड बनाया |
उद्योग पर प्रभाव | भारत के डेयरी और स्वास्थ्य-केंद्रित खाद्य क्षेत्र में क्रांति लाई |
महत्व | भारत के खाद्य उद्योग और नए उद्यमियों पर स्थायी प्रभाव छोड़ा |