Categories: Sci-Tech

2025 तक डॉपलर वेदर रडार नेटवर्क से कवर होगा पूरा देश

साल 2025 तक पूरा देश डॉपलर वेदर रडार नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया। वे भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 148वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधन दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मौसम विभाग की मौसम को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणी की सटीकता में पिछले आठ से नौ वर्षों में लगभग 40 प्रतिशत सुधार हुआ है।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 148वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वानुमान में सुधार के साथ ही आपदा से संबंधित मृत्यु दर घटकर एक अंक में आ गई है। उन्होंने कहा कि काउंटी में डॉपलर रडार की संख्या 2013 में 15 थी, जोकि अब बढ़कर 2023 में 37 हो गई है। इसके अलावा भारत अगले दो से तीन वर्षों में 25 और रडार जोड़ेगा। इसके बाद यह संख्या 62 हो जाएगी। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि 2025 तक पूरा देश डॉपलर रडार से कवर हो जाएगा।

गौरतलब है कि आईएमडी ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में चार डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) चालू किए। ये पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में मौसम निगरानी क्षमताओं को मजबूत करेंगे। ये चार डीडब्ल्यूआर जम्मू और कश्मीर में बनिहाल टॉप, हिमाचल प्रदेश में जोत और मुरारी देवी और उत्तराखंड में सुरकनाडा देवी में स्थापित किए गए हैं।

 

डॉपलर मौसम रडार क्या है?

डॉपलर मौसम रडार डॉपलर इफेक्ट के सिद्धांत पर काम करता है। यह रडार 400 किमी तक के क्षेत्र में होने वाले मौसमी बदलाव के बारे में जानकारी देता है। यह रडार अति सूक्ष्म तरंगों को कैच कर लेता है और हवा में तैर रहे अतिसूक्ष्म पानी की बूंदों को पहचानने के साथ ही उनकी दिशा का भी पता लगाने में सक्षम होता है। यह बूंदों के आकार, उनकी रडार दूरी सहित उनके रफ्तार से सम्बन्धित जानकारी को हर मिनट अपडेट करता है। इसी डाटा के आधार पर यह रडार मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाता है। भारत में पहला डॉपलर मौसम रडार चेन्नई में 2005 में लगाया गया था।

 

इसकी जरूरत क्यों है?

इस रडार के माध्यम से बादलों के घनत्व, हवा की रफ्तार, नमी की मात्रा की पुख्ता जानकारी के साथ-साथ ही अनुमानित चक्रवात, कम या ज्यादा बारिश की चेतावनी, ओलावृष्टि और तूफान आदि का सही-सही व त्वरित पूर्वानुमान मिलता है। डॉप्लर वेदर रडार की सहायता से इस तरह की घटनाओं के बारे में पहले से ही जानकारी मिल जाती है, जिससे समय रहते लोगों को सूचना देकर इनका प्रभाव कम किया जा सकता है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

विश्व बाल दिवस 2024: इतिहास, महत्व और थीम

हर साल 20 नवंबर को मनाया जाने वाला विश्व बाल दिवस बच्चों के कल्याण, उनके…

2 hours ago

भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत एनसीएक्स 2024 का शुभारंभ

भारत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास (भारत एनसीएक्स 2024) भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने…

20 hours ago

पश्चिम बंगाल ने चौथी राष्ट्रीय फिनस्विमिंग चैम्पियनशिप में जीत हासिल की

चौथी राष्ट्रीय फिनस्विमिंग चैंपियनशिप 2024 का समापन पूरे भारत के तैराकों के शानदार प्रदर्शन के…

21 hours ago

ज़ी एंटरटेनमेंट के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका का इस्तीफा

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पुनीत गोयनका ने…

21 hours ago

जीटी ओपन 2024 में ज्योति सुरेखा ने स्वर्ण, अभिषेक वर्मा ने रजत पदक जीता

लक्ज़मबर्ग में जीटी ओपन 2024 में भारत की ज्योति सुरेखा वेन्नम ने बेल्जियम की सारा…

23 hours ago

मिताली राज को एसीए महिला क्रिकेट संचालन के लिए मेंटर नियुक्त किया गया

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज को आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) द्वारा…

23 hours ago