सीएसआईआर-एनएएल द्वारा डिजाइन और विकसित हंसा-एनजी 2 सीटर फ्लाइंग ट्रेनर विमान ने चल्लकेरे में डीआरडीओ के एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) सुविधा में इन-फ्लाइट इंजन रिलाइट टेस्ट पास किया। भारतीय वायु सेना के विमान और प्रणाली परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) के परीक्षण पायलट विंग कमांडर के वी प्रकाश और विंग कमांडर एनडीएस रेड्डी ने 60 से 70 समुद्री मील (आईएएफ) की गति सीमा के साथ 7000-8000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान परीक्षण किया।
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प्रमुख बिंदु:
- एक विंड मिलिंग प्रोपेलर और एक स्टार्टर एडेड स्टार्ट का उपयोग करके विमान की इन-फ्लाइट इंजन रिलाइट क्षमता साबित हुई थी। इन परीक्षण उड़ानों के दौरान, विमान संचालन विशेषताओं और उड़ान मानकों को सामान्य पाया गया।
- सीएसआईआर-एनएएल के अनुसार, इन-फ्लाइट इंजन रिलाइट परीक्षण, विमान के डीजीसीए प्रमाणन की दिशा में सबसे सार्थक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। डीजीसीए से अपेक्षित मंजूरी प्राप्त करने के बाद, विमान को एटीआर, चल्लकेरे में स्थानांतरित कर दिया गया।
- उड़ान परीक्षणों की देखरेख हंसा के परियोजना निदेशक श्री अब्बानी रिंकू के साथ-साथ सीएसआईआर-एनएएल डिजाइन टीम और एएसटीई के उड़ान परीक्षण दल के सदस्यों : विंग कमांडर सेंथिल कुमार, उड़ान परीक्षण निदेशक, वर्ग लीडर साहिल सरीन, सुरक्षा पायलट और जीपी कैप्टन एम रंगाचारी, चीफ टेस्ट पायलट द्वारा की गई।
- सीएसआईआर-एनएएल के निदेशक श्री जितेंद्र जे जाधव ने सीएसआईआर-एनएएल, डीजीसीए, एएसटीई-आईएएफ और एडीई-डीआरडीओ टीमों की सराहना करते हुए कहा कि एकीकृत टीम के संयुक्त और समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप निर्दोष परीक्षण उड़ान निष्पादन हुआ।
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