प्रतिष्ठित संस्कृत और हिंदी विद्वान तथा पद्म श्री धारक डॉ. रमा कांत शुक्ला का निधन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हो गया है। उनका जन्म यूपी के बुलंदशहर जिले के खुर्ज़ा शहर में हुआ था। डॉ. रमा कांत शुक्ला दिल्ली में देववाणी परिषद के संस्थापक और महासचिव थें, और संस्कृत में एक त्रैमासिक पत्रिका “अरवासिनसंस्कृतम” के संस्थापक अध्यक्ष और संपादक थें। साहित्यिक और संस्कृत संगठनों द्वारा उन्हें संस्कृत राष्ट्रकवि, कविरत्न और कवि सिरोमणि की उपाधियों से सम्मानित किया गया था।
पुरस्कार (Awards):
पुस्तकें: उन्होंने कविता की कई पुस्तकें लिखी हैं, और संस्कृत ग्रंथों और इंडोलॉजी का अध्ययन किया है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने नक्षत्र सभा शुरू करने के लिए एक एस्ट्रो-टूरिज्म कंपनी स्टारस्केप्स…
एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी नवीनतम वार्षिक विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक…
केंद्र सरकार द्वारा सेवानिवृत्त न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा को वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण…
एकजुटता और मान्यता के संकेत में, गाजा में संकट को कवर करने वाले फिलिस्तीनी पत्रकारों…
भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के 2010 बैच के अधिकारी शशि भूषण सिंह को कपड़ा…
एचडीएफसी बैंक ने घोषणा की कि बोर्ड द्वारा गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अतनु चक्रवर्ती…