भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI), जो देश में चुनावों की निगरानी करने वाली संवैधानिक संस्था है, ने चुनावी प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए तीन नई पहलों की शुरुआत की है। इन उपायों का उद्देश्य बेहतर डेटा सटीकता के लिए तकनीक का उपयोग करना, मतदाताओं को अधिक सूचित बनाना और बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) — ECI के अग्रिम पंक्ति प्रतिनिधियों — में जनविश्वास बढ़ाना है। ये सुधार आगामी चुनावों से पहले पारदर्शिता, समावेशिता और मतदाता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने 1 मई 2025 को मतदाता सूची की शुद्धता बढ़ाने, मतदाता सूचना को सुव्यवस्थित करने और बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) की विश्वसनीयता को सुदृढ़ करने के लिए तीन नई पहलों की घोषणा की। ये उपाय मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन में प्रस्तुत दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।
अब ECI भारत के रजिस्ट्रार जनरल से मृतकों का डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा।
कानूनी आधार:
निर्वाचकों के पंजीकरण नियम, 1960 की नियम 9
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 की धारा 3(5)(b) (2023 में संशोधित)
इससे मृत मतदाताओं को समय पर मतदाता सूची से हटाया जा सकेगा।
BLOs ज़मीनी स्तर पर इस जानकारी को फिर से सत्यापित करेंगे—अब फॉर्म 7 का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
VIS डिज़ाइन को अपडेट किया गया है ताकि सीरियल नंबर और भाग संख्या बड़े फॉन्ट में दिखे।
इससे मतदाताओं को अपना मतदान केंद्र और सूची में नाम ढूंढने में आसानी होगी।
मतदान अधिकारियों को भी त्वरित पहचान में मदद मिलेगी, जिससे चुनाव दिवस पर समय बचेगा।
अब BLOs को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13B(2) के तहत मानक फोटो पहचान पत्र दिए जाएंगे।
इससे BLOs की पहचान आसान होगी और मतदाता सत्यापन व घर-घर संपर्क के दौरान नागरिकों में विश्वास बढ़ेगा।
शुद्धता: मृत मतदाताओं और डुप्लिकेट नामों की संभावनाएं कम होंगी।
पारदर्शिता: BLOs की दृश्य पहचान से नागरिक प्रणाली पर अधिक विश्वास करेंगे।
दक्षता: मतदान दिवस पर तेज पहचान और बेहतर समन्वय संभव होगा।
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI): भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित संवैधानिक निकाय।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC): भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
फॉर्म 7: मतदाता का नाम हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।
बूथ लेवल अधिकारी (BLO): ECI और मतदाताओं के बीच सेतु का कार्य करते हैं।
डिजिटल समन्वय: RGI और ECI के बीच डेटा साझा करना सुरक्षित और गोपनीयता अनुरूप रहना चाहिए।
जागरूकता: नागरिकों को नए VIS डिज़ाइन और BLO ID के बारे में शिक्षित करने के लिए अभियान आवश्यक हैं।
प्रशिक्षण: BLOs को डिजिटल उपकरणों और मतदाता प्रश्नों को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
| श्रेणी / विषय | विवरण |
| समाचारों में क्यों? | निर्वाचन आयोग ने तीन नई मतदाता-केंद्रित सुधारों की घोषणा की। |
| डेटा एकीकरण | भारत के रजिस्ट्रार जनरल से मृत्यु पंजीकरण डेटा का इलेक्ट्रॉनिक एकीकरण। |
| कानूनी आधार | नियम 9 (निर्वाचक नियम, 1960) एवं धारा 3(5)(b) (जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 – संशोधित 2023)। |
| मतदाता सूचना | वोटर सूचना पर्ची में क्रमांक और भाग संख्या बड़े फॉन्ट में, जिससे पहचान आसान हो सके। |
| BLO पहचान पत्र | BLO को मानकीकृत फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएंगे ताकि दृश्यता और भरोसा बढ़े। |
| मुख्य निर्वाचन आयुक्त (2025) | श्री ज्ञानेश कुमार |
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