चुनावी डेटा प्रसार में पारदर्शिता और दक्षता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने चुनाव के बाद इंडेक्स कार्ड और सांख्यिकीय रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक प्रौद्योगिकी-संचालित प्रणाली लागू की है। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में, डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ, ईसीआई की उन्नत प्रणाली समय लेने वाली मैनुअल प्रक्रियाओं को स्वचालित डेटा एकीकरण उपकरणों से बदल देती है। इस सुधार से शोधकर्ताओं, पत्रकारों, नीति निर्माताओं और आम जनता के लिए चुनाव संबंधी जानकारी की गति, सटीकता और पहुँच में वृद्धि होने की उम्मीद है।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनावों के बाद इंडेक्स कार्ड और सांख्यिकीय रिपोर्ट तैयार करने हेतु एक डिजिटल और सुव्यवस्थित प्रणाली लागू करने की घोषणा की है। यह निर्णय मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में लिया गया है, जिनके साथ डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी आयोग में शामिल हैं। यह कदम मैनुअल और बहु-चरणीय प्रक्रियाओं की जगह तेज, सटीक और पारदर्शी डेटा प्रबंधन प्रणाली को अपनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
चुनाव परिणामों के बाद डेटा उपलब्धता में तेजी लाना
चुनावी डेटा की सटीकता, पारदर्शिता और पहुंच को बढ़ाना
मैन्युअल इनपुट पर निर्भरता कम करना और देरी के जोखिम को कम करना
गैर-वैधानिक प्रारूप में उपयोग – केवल शैक्षणिक और शोध प्रयोजनों के लिए
प्रत्येक लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र का विस्तृत चुनावी डेटा उपलब्ध
लोकसभा चुनावों के लिए 35 रिपोर्ट, विधानसभा चुनावों के लिए 14 रिपोर्ट
रिपोर्टों में शामिल होते हैं:
मतदाता जनसांख्यिकी (राज्य, संसदीय क्षेत्र, विधानसभा क्षेत्र स्तर पर)
मतदान केंद्रों से संबंधित आंकड़े
मतदान प्रतिशत, लिंग आधारित भागीदारी, पार्टी प्रदर्शन
विजेता उम्मीदवारों का वोट शेयर और विश्लेषण
यह प्रणाली शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, मीडिया, नीति-निर्माताओं और आम जनता के लिए उपयोगी है
इससे लोकतांत्रिक विमर्श और चुनावी अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा
पहले:
चुनाव के बाद क्षेत्रीय अधिकारी इंडेक्स कार्ड मैन्युअल रूप से भरते थे
फिर यह डेटा ऑनलाइन सिस्टम में डाला जाता था, जिससे काफी देरी होती थी
अब:
यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है
वैधानिक डेटा से स्वचालित एकीकरण के जरिए रिपोर्ट तैयार होती हैं
इंडेक्स कार्ड और रिपोर्टें माध्यमिक (secondary) डेटा स्रोत हैं
प्राथमिक डेटा अब भी निर्वाचन अधिकारी के पास वैधानिक रूप में सुरक्षित है
ये रिपोर्ट केवल शैक्षणिक और शोध प्रयोजनों के लिए हैं – आधिकारिक परिणाम घोषित करने हेतु नहीं
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