2024 जलवायु परिवर्तन के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बन गया, जब पहली बार औसत वैश्विक तापमान ने पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5°C की महत्वपूर्ण सीमा को पार कर लिया, जैसा कि कोपर्निकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) की रिपोर्ट में बताया गया। यह उल्लंघन वैश्विक तापमान वृद्धि के लिए एक खतरनाक मार्ग का संकेत देता है, जो मानवता को एक ऐसे मोड़ के करीब ला रहा है, जहां से वापसी मुश्किल होगी। जलवायु विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में गंभीर कटौती नहीं की गई, तो 2050 तक वैश्विक तापमान 2°C की सीमा को पार कर सकता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र, अर्थव्यवस्था और मानव जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
मुख्य बिंदु | विवरण |
समाचार में क्यों? | पृथ्वी ने 2024 में पहली बार 1.5°C सीमा को पार किया। |
2024 में वैश्विक तापमान | 15.1°C (अब तक का सबसे गर्म वर्ष) |
पूर्व-औद्योगिक स्तर से अधिक | 1.60°C |
1991-2020 औसत से अधिक | 0.72°C |
सबसे गर्म दिन | 22 जुलाई, 2024 (17.16°C) |
समुद्र सतह तापमान (SST) | 20.87°C (सबसे उच्च वार्षिक औसत) |
एल नीनो प्रभाव | तापमान वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया। |
प्रमुख चेतावनी | वैश्विक तापमान 2050 तक 2°C से अधिक हो सकता है। |
उत्सर्जन कटौती लक्ष्य | 2025 तक चरम पर पहुंचना और 2030 तक 43% की कटौती। |
वर्तमान उत्सर्जन रुझान | 2030 तक केवल 2.6% कटौती, लक्ष्य से बहुत कम। |
COP29 परिणाम | वित्तीय सहायता पैकेज पर कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई। |
विकासशील देशों पर प्रभाव | आपदा शमन प्रयासों के लिए अधिक धन की आवश्यकता। |
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