रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 3 मई 2025 को मध्य प्रदेश के श्योपुर से अपने स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म (Stratospheric Airship Platform) का पहली बार सफल परीक्षण उड़ान (maiden flight-trial) पूरी की। आगरा स्थित एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADRDE) द्वारा विकसित यह एयरशिप लगभग 17 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुँचा। यह भारत की दीर्घकालिक (long-endurance) मिशनों और उन्नत निगरानी क्षमताओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
DRDO ने 3 मई 2025 को अपने स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का पहला सफल फ्लाइट ट्रायल किया। यह एयरशिप लगभग 17 किलोमीटर की स्ट्रैटोस्फेरिक ऊँचाई तक गया, इसमें कई उपप्रणालियों (subsystems) का परीक्षण किया गया और इसे सुरक्षित रूप से वापस लाया गया।
यह सफलता भारत की इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस (ISR) और अर्थ ऑब्ज़र्वेशन क्षमताओं को मजबूती प्रदान करती है।
विकास एजेंसी: ADRDE (एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट), आगरा
परीक्षण स्थान: श्योपुर, मध्य प्रदेश
प्राप्त ऊँचाई: लगभग 17 किलोमीटर (स्ट्रैटोस्फेयर स्तर)
उड़ान अवधि: लगभग 62 मिनट
पेलोड: वायुमंडलीय और प्रदर्शन डेटा संग्रह हेतु उपकरणों से युक्त
एनवेलप प्रेशर कंट्रोल सिस्टम
इमरजेंसी डिफ्लेशन सिस्टम
उद्देश्य: प्रणालियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन और भविष्य के मिशनों के लिए डेटा संग्रह
यह प्लेटफॉर्म 15–25 किमी की ऊँचाई पर काम करता है।
यह उपग्रहों और ड्रोन की तुलना में कई लाभ प्रदान करता है, जैसे:
लगातार निगरानी
कम लागत और जोखिम
लचीलापन और त्वरित पुनर्प्राप्ति
पृथ्वी का अवलोकन
सीमावर्ती निगरानी
आपदा प्रबंधन
पर्यावरण निगरानी
संचार रिले
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
DRDO को बधाई दी और कहा कि यह प्लेटफॉर्म भारत की स्वदेशी ISR क्षमताओं को बढ़ाएगा।
भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में लाएगा जो इस उन्नत तकनीक में सक्षम हैं।
DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत
इसे “लाइटर दैन एयर” (LTA) तकनीक में एक मील का पत्थर बताया, जो लंबे समय तक चलने वाले उच्च-ऊँचाई प्लेटफॉर्म की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
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