हर वर्ष 24 से 30 अक्टूबर तक निरस्त्रीकरण सप्ताह (Disarmament Week) मनाया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की वर्षगांठ से शुरू होता है। इस सप्ताह का उद्देश्य वैश्विक शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाना और शांति, सुरक्षा तथा सतत विकास में उनकी भूमिका को समझना है।
निरस्त्रीकरण सप्ताह की शुरुआत 1978 में यूएन जनरल असेंबली के विशेष सत्र (Resolution S-10/2) में प्रस्तावित की गई थी। बाद में, 1995 में, जनरल असेंबली ने सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को इस सप्ताह में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया (Resolution 50/72 B)।
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना (1945) के बाद से निरस्त्रीकरण और शस्त्र नियंत्रण शांति और सुरक्षा के लिए इसके केंद्रीय मिशन का हिस्सा रहे हैं।
उद्देश्य सरल है, लेकिन प्रभावशाली: भय और हथियारों की दौड़ की जगह संवाद, सहयोग और विश्वास को बढ़ावा देना।
न्यूक्लियर हथियार
परमाणु निरस्त्रीकरण वैश्विक प्राथमिकता है क्योंकि ये मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।
संयुक्त राष्ट्र इसके लिए NPT (Non-Proliferation Treaty) और TPNW (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons) जैसे समझौतों के माध्यम से पूर्ण निरस्त्रीकरण का समर्थन करता है।
परंपरागत हथियार
छोटे हथियारों और हल्के हथियारों का अवैध व्यापार हिंसा, अपराध और अस्थिरता बढ़ाता है।
संयुक्त राष्ट्र इन हथियारों के नियमन और अवैध लेन-देन को रोकने का प्रयास करता है।
उभरती हुई हथियार तकनीकें
आधुनिक खतरे जैसे स्वायत्त हथियार प्रणाली, साइबर युद्ध और एआई आधारित सैन्य उपकरण नई सुरक्षा और नैतिक चुनौतियां लाते हैं।
वैश्विक समुदाय इन तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, शस्त्र निरस्त्रीकरण केवल सुरक्षा मुद्दा नहीं, बल्कि मानवता और नैतिक जिम्मेदारी है। यह निम्नलिखित क्षेत्रों में योगदान देता है:
अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता
नागरिकों और मानवाधिकारों की सुरक्षा
देशों के बीच विश्वास और सहयोग
सतत विकास और संसाधनों का कुशल उपयोग
UNODA (UN Office for Disarmament Affairs) विश्वभर में शांति और निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र सरकारों, नागरिक समाज और युवाओं को हथियार प्रसार के खतरों के प्रति जागरूक करता है।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने “New Agenda for Disarmament” की घोषणा करते हुए तीन मुख्य लक्ष्य बताए हैं:
मानवता बचाएँ – विनाशकारी हथियारों को समाप्त करके।
जीवन बचाएँ – परंपरागत हथियारों के प्रभाव को नियंत्रित करके।
हमारा भविष्य सुरक्षित करें – नई और उभरती तकनीकों का जिम्मेदारी से प्रबंधन करके।
निष्कर्ष:
निरस्त्रीकरण सप्ताह न केवल शांति और सुरक्षा का संदेश देती है, बल्कि यह मानवता और सतत विकास की दिशा में वैश्विक सहयोग को भी प्रोत्साहित करती है।
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