भारत की स्टार जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। दीपा ने 2016 रियो ओलंपिक में प्रभावशाली प्रदर्शन किया था, लेकिन मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गईं थी। “प्रोडुनोवा” वॉल्ट, जिसे अक्सर “मौत का वॉल्ट” कहा जाता है, को सफलतापूर्वक प्रदर्शन कर उन्होंने भारतीय जिम्नास्टिक्स को एक नई पहचान दी।
दीपकर्माकर की पहचान प्रोडुनोवा वॉल्ट से बनी, जिसे केवल कुछ जिम्नास्ट ही करने की हिम्मत करते हैं। इस वॉल्ट के जोखिम और कठिनाई के बावजूद, उन्होंने सटीक तकनीक और प्रशिक्षण के साथ इसे मास्टर किया। उनके कोच बीएस नंदी के मार्गदर्शन में उन्होंने इस वॉल्ट को सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया, विशेष रूप से रियो में।
दीपकर्माकर की यात्रा में उनके पिता, जो एक वेटलिफ्टिंग कोच थे, और कोच बीएस नंदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके साथी जिम्नास्ट आशिष कुमार से प्रेरित होकर उन्होंने उच्चतम कठिनाई स्कोर हासिल करने का लक्ष्य रखा।
सफलता के बावजूद, दीपकर्माकर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2021 में उनके द्वारा किए गए डोप टेस्ट में विफलता ने उनकी अंतिम वर्षों पर एक छाया डाली। घुटने की चोटों और सही रीहैबिलिटेशन की कमी ने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया।
पेरिस ओलंपिक में कोई भी भारतीय जिम्नास्ट क्वालीफाई नहीं कर पाया, लेकिन दीपकर्माकर की रियो में उपस्थिति ने जिम्नास्टिक्स में राष्ट्रीय गर्व का एक क्षण प्रदान किया। उनकी साहसिकता, कठिनाईयों के बावजूद उत्कृष्टता की खोज, और अपने सपनों का पीछा करना, उन्हें भारतीय खेलों में एक अमिट विरासत प्रदान करेगा। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों…
राष्ट्रीय अनुभव पुरस्कार योजना सेवानिवृत्त और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को उनके बहुमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि…
एयर मार्शल एसपी धारकर को वायुसेना मुख्यालय में भारतीय वायुसेना उपप्रमुख बनाया गया है। भारतीय…
HDFC बैंक ने आधिकारिक रूप से HDFC एजुकेशन एंड डेवलपमेंट सर्विसेज प्रा. लि. (HDFC Edu)…
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण पहल…
क्यू स्पोर्ट्स के स्टार पंकज आडवाणी ने सिंगापुर में स्थानीय दावेदार जाडेन ओंग को 5-1…