कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) प्रणाली शुरू की है, जो मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से खेतों से प्रत्यक्ष रूप से फसल बोआई का वास्तविक समय में डेटा एकत्र करती है। यह प्रणाली फसल क्षेत्र के सटीक अनुमान को सुदृढ़ बनाकर कृषि उत्पादन के पूर्वानुमान को अधिक विश्वसनीय बनाती है।
मुख्य बिंदु
डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) प्रणाली की विशेषताएं
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वास्तविक समय डेटा संग्रह: मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से खेतों से फसल की जानकारी सीधे प्राप्त की जाती है।
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उन्नत सटीकता: कृषि विश्लेषण के लिए सटीक और अद्यतन डेटा सुनिश्चित करता है।
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एग्री स्टैक के साथ एकीकरण: डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 और भारत के अन्य आईटी विनियमों के अनुसार विकसित।
डेटा गोपनीयता और सुरक्षा
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किसानों के डेटा को केवल उनकी सहमति से एकत्र किया जाता है।
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डेटा साझा करने की अनुमति केवल अधिकृत संस्थाओं को दी जाती है।
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संघीय संरचना के तहत राज्य सरकारों को डेटा सेट का नियंत्रण प्राप्त है।
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एन्क्रिप्शन और सुरक्षित API के माध्यम से डेटा ट्रांसमिशन को सुरक्षित किया जाता है।
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नियमित सुरक्षा ऑडिट और जोखिम मूल्यांकन किए जाते हैं।
साइबर सुरक्षा उपाय
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इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) और CERT-In के दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है।
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मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचा लागू किया गया है।
किसानों के लिए डिजिटल समावेशन
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किसान उत्पादक संगठन (FPOs), कृषि सखी और कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है।
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राज्य-स्तरीय शिविरों के माध्यम से उन किसानों को भी शामिल किया जाता है जिनके पास मोबाइल सुविधा नहीं है।
राज्य किसान रजिस्टर
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इसमें सभी भूमिधारी किसानों, महिला किसानों को शामिल किया जाता है।
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राज्य सरकारें अपनी नीतियों के अनुसार बटाईदार और पट्टेदार किसानों को भी जोड़ सकती हैं।
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यह प्रणाली कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में समावेशिता को सुनिश्चित करती है।
क्यों चर्चा में? | डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) प्रणाली: सटीक फसल डेटा संग्रह सुनिश्चित |
उद्देश्य | वास्तविक समय में सटीक फसल डेटा संग्रह |
प्रौद्योगिकी | मोबाइल इंटरफेस, एग्री स्टैक एकीकरण |
डेटा सुरक्षा | एन्क्रिप्शन, सुरक्षित API, नियमित सुरक्षा ऑडिट |
गोपनीयता अनुपालन | डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 |
राज्य नियंत्रण | संघीय संरचना के तहत राज्य डेटा प्रबंधन करते हैं |
साइबर सुरक्षा | MeitY और CERT-In दिशानिर्देशों का पालन |
किसान समावेशन | FPOs, CSCs, कृषि सखी, राज्य-स्तरीय शिविर |
समावेशिता | भूमिधारी, महिला किसान, बटाईदार और पट्टेदार किसान शामिल |