केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने 100 दिवसीय पठन अभियान ‘पढ़े भारत (Padhe Bharat)’ शुरू किया है। 100 दिवसीय पठन अभियान का शुभारंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जो स्थानीय / मातृभाषा/क्षेत्रीय/आदिवासी भाषा में बच्चों के लिए आयु-उपयुक्त पठन पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करके बच्चों के लिए आनंदमय पठन संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर देता है।
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अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री ने पढ़ने के महत्व को रेखांकित किया है कि बच्चों को निरंतर और आजीवन सीखने को सुनिश्चित करने के लिए विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि पढ़ने की आदत, अगर कम उम्र में पैदा की जाती है, तो मस्तिष्क के विकास में मदद करती है और कल्पना को बढ़ाती है और बच्चों के लिए अनुकूल सीखने का माहौल प्रदान करती है।
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