रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय यात्रा पर मिस्र (Defence Minister Egypt Visit) पहुंचेंगे, जहां वह अपने मिस्र के समकक्ष के द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। रक्षा मंत्री 19 से 20 सितंबर को मिस्र का आधिकारिक दौरा करेंगे। जहां वह दोनों देशों के दोस्ती और रक्षा सहयोग को बढ़ावा के मुद्दे पर बात करेंगे। रक्षा मंत्री की इस यात्रा से भारत-मिस्र संबंधों में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है।
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अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मिस्र के रक्षा और सैन्य उत्पाद मंत्री जनरल मोहम्मद जाकी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। जनरल जाकी मिस्र सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ़ भी हैं। दोनों मंत्री द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की समीक्षा करेंगे, सैन्य-से-सैन्य संबंधों को तेज करने के लिए नई पहल का पता लगाएंगे और दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
रक्षा मंत्री के यात्रा के पीछे उद्देश्य क्या है?
भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य संबंधों को बढ़ाने के लिए नई पहल के संभावनाओं पर होगा। इसके अतिरिक्त दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया जाएगा। इसके साथ ही राजनाथ सिंह मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से भी मुलाकात करेंगे।
इस साल की शुरुआत में मिस्र और भारत ने अगले पांच वर्षों में वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 7.62 अरब डॉलर से बढ़ाकर 12 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा था। यह फैसला तब किया गया जब दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी 25-26 जुलाई 2022 तक काहिरा में मिले थे।
यात्रा का महत्व
भारत वर्तमान में मिस्र में 3.15 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है, जो कि भारत द्वारा किसी देश में किए गए सबसे बड़े निवेशों में से एक है। इसके अलावा, विभिन्न भारतीय कंपनियां मिस्र में कई परियोजनाओं पर काम कर रही हैं। भारत और मिस्र के बीच पहले से सौहार्दपूर्ण रक्षा संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रक्षा सहयोग रहे हैं, विशेष रूप से दोनों देशों की वायु सेनाओं ने 1960 के दशक एकदूसरे को सहयोग किया था।