रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अपने हितों को सुरक्षित रखने के लिए रक्षा आत्मनिर्भरता जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा क्षेत्र में जटिल, नायाब और सामरिक लिहाज से उपयोगी तकनीक विकसित करने वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 750 करोड़ रुपये की अदिति योजना शुरू करने का एलान किया है। योजना के तहत रक्षा क्षेत्र में नवोन्मेषी काम करने वाले स्टार्टअप को 25 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह योजना फिलहाल दो वर्ष के लिए है। इसका संचालन रक्षा मंत्रालय के उत्पादन विभाग के तहत किया जाएगा।
डेफकनेक्ट 2024 के उद्घाटन के दौरान योजना का एलान करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि यह योजना रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ने में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तकनीक में एक कदम आगे रहना होगा। इसके लिए एक्टिंग डेवलपमेंट ऑफ इनोवेटिव टेक्नोलॉजी विद आईडेक्ट (अदिति) योजना युवाओं को रक्षा क्षेत्र में नावाचार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने देश के युवाओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि अगर युवा जुट जाएं, तो आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य जरूर पूरा होगा।
अदिति योजना के तहत 30 डीप-टेक और जटिल सामरिक तकनीक पर काम किया जाएगा। यह योजना रक्षा क्षेत्र की उम्मीदों व जरूरतों के बीच आपूर्ति की दूरी को पाटने का काम करेगी। इसके लक्ष्यों में थलसेना की तीन, नौसेना व वायुसेना की पांच-पांच और डिफेंस स्पेस एजेंसी की चार चुनौतियों को सूचीबद्ध किया गया है। इसके अलावा सम्मेलन के दौरान रक्षा स्टार्टअप के सामने आने वाली 11 चुनौतियों पर चर्चा कर उन्हें दूर करने का ब्लूप्रिंट भी तैयार किया गया है।
राजनाथ ने वर्तमान समय में युद्ध की स्थिति में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका के कारण आत्मनिर्भर बनने के लिए अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी पर पकड़ बनाने को सबसे महत्वपूर्ण पक्ष बताया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में या तो दूसरे देशों के नवीनतम नवाचार को अपनाकर या स्वयंमेव विकास करके सिद्धस्ता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार दोनों सिद्धान्तों पर कार्य कर रही है।
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