रासायनिक युद्ध के सभी पीड़ितों के लिए स्मरण दिवस हर साल 30 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन रासायनिक हथियार सम्मेलन (CWC) के राज्यों की पार्टियों के 20वें सत्र के दौरान स्थापित किया गया था। इस स्मरण दिवस का उद्देश्य पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना और रासायनिक हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता को मजबूत करना है। यह दिवस न केवल पीड़ितों को सम्मानित करता है, बल्कि शांति, सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग के सिद्धांतों को भी सुदृढ़ करता है।
इस तिथि को CWC की वार्षिक बैठकों के साथ जोड़ा गया है। जब सत्र का उद्घाटन दिन अलग होता है, तो यह स्मरण दिवस उस पहले दिन मनाया जाता है।
यह दिवस इस वैश्विक संकल्प को दर्शाता है कि रासायनिक युद्ध की क्रूरता को दोबारा होने से रोका जाए।
स्वीकृति: 1993 में अपनाया गया और 29 अप्रैल 1997 को लागू हुआ।
उद्देश्य: रासायनिक हथियारों को पूरी तरह समाप्त करना।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, रासायनिक हथियारों के सीमित सामरिक मूल्य और उनके अत्यधिक विनाशकारी प्रभावों के कारण उनके निषेध के प्रयास बढ़े।
स्मरण दिवस निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करता है:
समाचार का सारांश
पहलू | विवरण |
---|---|
तिथि | 30 नवंबर, 2024 |
उद्देश्य | रासायनिक युद्ध के पीड़ितों को सम्मान देना और वैश्विक निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना। |
स्थापना द्वारा | रासायनिक हथियार सम्मेलन (CWC) के राज्यों की पार्टियों के 20वें सत्र में। |
मुख्य संधि | रासायनिक हथियार सम्मेलन (CWC), 1993। |
कार्यान्वयन निकाय | रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW)। |
वैश्विक उपलब्धियां | घोषित रासायनिक हथियार भंडार के 99% से अधिक नष्ट। |
ऐतिहासिक मील का पत्थर | प्रथम विश्व युद्ध में रासायनिक हथियारों का व्यापक उपयोग; द्वितीय विश्व युद्ध के बाद निरस्त्रीकरण प्रयास तेज। |
महत्व | शांति, सुरक्षा, और वैश्विक बहुपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करना। |
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