संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2005 के बाद से हर साल 30 नवंबर को Day of Remembrance for all Victims of Chemical Warfare यानि रासायनिक युद्ध का शिकार हुए पीड़ितों की याद के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन रासायनिक युद्ध के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ शांति, सुरक्षा और बहुपक्षवाद के लक्ष्यों को प्रोत्साहित करने के लिए जरुरी रासायनिक हथियारों के खतरे को खत्म करने के लिए, रासायनिक हथियारों के निषेध के संगठन (Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons) की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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रासायनिक युद्ध का शिकार हुए पीड़ितों की याद के दिन का इतिहास:
रासायनिक युद्ध के सभी पीड़ितों के लिए पहला स्मरण दिवस 2005 में आयोजित किया गया था। रासायनिक निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने का महत्वपूर्ण प्रयास, रासायनिक हथियार सम्मेलन के समापन के दौरान एक सदी से अधिक समय पहले शुरू हुआ था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रासायनिक हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 100,000 से अधिक लोगों की मृत्यु और कई लाख लोग हताहत हुए थे।
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